
बाघ ने बसारा गांव के राकेश वर्मा को अपना शिकार बनाया, जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल है।
महोली में बाघ का आतंक: घर के सामने से युवक को खींचकर ले गया, 7वें दिन मिला शव
संवाददाता,,, नरेश गुप्ता
महोली, सीतापुर: महोली क्षेत्र के बसारा गांव में बाघ के आतंक से पूरा इलाका दहशत में है। मंगलवार की शाम एक बाघ ने घर के ठीक सामने बैठे एक युवक को खींचकर जंगल में ले गया, जिसके बाद ग्रामीणों में अफरातफरी मच गई। यह घटना पिछले एक सप्ताह से जारी बाघ के हमलों की शृंखला में नवीनतम है, जिसने ग्रामीणों को और भी भयभीत कर दिया है।
महोली के बसारा गांव में रहने वाले 35 वर्षीय राकेश वर्मा मंगलवार की शाम अपने घर के बाहर बैठे थे। तभी अचानक झाड़ियों से निकलकर आए एक बाघ ने उन पर हमला कर दिया। राकेश के परिवारवालों ने अपनी आँखों के सामने इस भयावह दृश्य को देखा। जब तक वे कुछ समझ पाते और मदद के लिए चिल्लाते, बाघ राकेश को घसीटते हुए पास के गन्ने के खेत में ले गया। ग्रामीणों ने शोर मचाकर बाघ को भगाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
इस घटना के तुरंत बाद, पूरे गांव में दहशत फैल गई। स्थानीय पुलिस और वन विभाग की टीम को सूचित किया गया, जो तत्काल मौके पर पहुँची। पुलिस ने ग्रामीणों के साथ मिलकर राकेश की तलाश शुरू की, लेकिन रात के अंधेरे और खतरनाक स्थिति के कारण तलाशी अभियान को रोक देना पड़ा।
अगले दिन सुबह, तलाशी अभियान फिर से शुरू किया गया। काफी मशक्कत के बाद, राकेश का आंशिक रूप से खाया हुआ शव घटनास्थल से करीब 700 मीटर दूर एक गन्ने के खेत में मिला। उनके शरीर पर बाघ के पंजे और दांतों के गहरे निशान थे। इस दृश्य ने ग्रामीणों और अधिकारियों को झकझोर कर रख दिया।
राकेश वर्मा का शव मिलने से ग्रामीणों का गुस्सा और डर और बढ़ गया है। उनका कहना है कि पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में बाघ की आवाजाही लगातार देखी जा रही थी, जिसकी सूचना वन विभाग को दी गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण ही यह दुखद घटना हुई है।
इस घटना के बाद, पूर्व सपा विधायक अनूप गुप्ता भी बसारा गांव पहुँचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने परिवार को सांत्वना दी और प्रशासन से इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने की माँग की। उन्होंने कहा कि बाघ को पकड़ने या उसे दूर जंगल में भेजने के लिए तत्काल उपाय किए जाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।
स्थानीय पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने और अकेले बाहर न निकलने की सलाह दी है। साथ ही, वन विभाग ने एक टीम को इलाके में गश्त करने और बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भेजा है। ग्रामीण अब रात के समय घर से बाहर निकलने से डर रहे हैं और वे चाहते हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द इस समस्या का कोई समाधान निकाले। यह घटना क्षेत्र में बढ़ती हुई वन्यजीव-मानव संघर्ष की एक और दुखद मिसाल है।
