अटरिया,,खाद घोटाला: सहकारी समिति सचिव पर समिति के पैसे गबन करने का आरोप, किसान परेशान

संवाददाता,, नरेश गुप्ता

सीतापुर, सिधौली: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में सिधौली विकासखंड के अटरिया स्थित सघन सहकारी समिति अलाईपुर में एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है.

समिति के सचिव सुरेश श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने खाद बिक्री से प्राप्त लाखों रुपये समिति के खाते में जमा नहीं किए हैं. यह धांधली पिछले एक साल से चल रही है, जिसके कारण क्षेत्र के किसान खाद की कमी से जूझ रहे हैं.

किसानों की लगातार शिकायतों के बाद, संबंधित विभाग ने मामले का संज्ञान लिया और सचिव को नोटिस जारी किया. हालांकि, नोटिस मिलने के बाद भी सुरेश श्रीवास्तव ने पूरा पैसा जमा नहीं किया है. किसानों का कहना है कि उनकी गाढ़ी कमाई का पैसा सरकारी खातों में जाने के बजाय सचिव की जेब में जा रहा है, और वे इस पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं.
इस वजह से समिति के पास खाद खरीदने के लिए फंड नहीं है, जिससे किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही है. उनका कहना है कि इस घोटाले के कारण उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, ताकि उन्हें जल्द से जल्द खाद मिल सके और उनकी समस्याओं का समाधान हो. यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस मामले पर क्या कदम उठाता है.

उप जिलाधिकारी सिधौली से की गई शिकायत

अलाइपुर सघन सहकारी समिति में खाद्य वितरण एवं धनराशि की हेरा फेरी को लेकर क्षेत्र के प्रसिद्ध एडवोकेट प्रदीप सिंह द्वारा उप जिलाधिकारी सिधौली को लिखित एवं मौखिक रूप से शिकायत की गई जिस पर उप जिलाअधिकारी सिधौली द्वारा आश्वासन दिया गया के जल्द ही मामले का निस्तरण किया जाएगा

सूखे खेत, सूखी उम्मीदें: अलाईपुर के किसानों को खाद के लिए 15 किमी का सफर

“आज फिर धारावा जाना पड़ेगा,” अतुल ने अपनी साईकिल की ओर देखते हुए कहा। “सोचा था इस साल अच्छी फसल होगी, लेकिन खाद नहीं मिल रही।”

गांव के किसानों के लिए यह कहानी अब रोजमर्रा की है। पिछले एक साल से गांव की सहकारी समिति बंद पड़ी है।

समिति का भवन अपनी पुरानी दीवारें लिए खड़ा है, मानो अपनी बदहाली की कहानी खुद कह रहा हो। यहां कभी खाद के लिए लंबी लाइनें लगती थीं, लेकिन आज सन्नाटा पसरा है। गांव के किसान बताते हैं कि समिति के सचिव सुरेश श्रीवास्तव ने खाद का पैसा जमा नहीं किया, जिसके चलते नई खाद नहीं आ पाई। मोनू नाम के एक युवा किसान ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “सचिव साहब न तो आते हैं, न ही फोन उठाते हैं। लगता है हमें भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।”

किसानों की इस व्यथा को देखकर, एडवोकेट प्रदीप सिंह ने मामले को सहकारिता विभाग के अधिकारियों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा, “समिति का भवन सही सलामत है, बस इसे फिर से चालू करने और एक ईमानदार सचिव की जरूरत है।”

इस बीच, ए.ड़ी.ओ. सहकारिता अनिल शुक्ला ने स्वीकार किया कि सचिव की लापरवाही से यह समस्या पैदा हुई है। उन्होंने कहा, “हमने नोटिस जारी किया है, और कुछ पैसा जमा भी हो गया है। जल्द ही बाकी का भुगतान होते ही खाद की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।” लेकिन अलाईपुर के किसानों के लिए यह आश्वासन सिर्फ कागजी लग रहा है। उनके लिए आज भी खेतों को सींचने की लड़ाई जारी है, और खाद के लिए 15 किलोमीटर का सफर करना मजबूरी बन गया है।

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