
संवाददाता,, नरेश गुप्ता
सीतापुर: जिले के सकरन थाना क्षेत्र में प्रतिबंधित जामुन के 25 पेड़ अवैध रूप से काटे जाने का मामला सामने आया है। इस घटना को लेकर वन विभाग और लकड़ी काटने वालों के बीच जमकर मारपीट हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में वन दारोगा की तहरीर पर 6 नामजद और 10-12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
सकरन थाना क्षेत्र के जमैका गांव के पास बड़ी संख्या में जामुन के पेड़ काटे जाने की सूचना वन दारोगा अमरेंद्र प्रताप सिंह को मिली थी। सूचना मिलते ही वह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि कुछ लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली में कटी हुई लकड़ी भर रहे थे। जब वन दारोगा ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो लकड़ी काट रहे लोगों ने उनके साथ हाथापाई शुरू कर दी।
वन दारोगा का आरोप है कि आरोपियों ने न केवल उनके साथ मारपीट की, बल्कि उनकी वर्दी भी फाड़ दी। वहीं, दूसरे पक्ष का आरोप है कि वन दारोगा ने ही पहले उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर हंगामा हुआ।
मुकदमा दर्ज और आगे की कार्रवाई
मारपीट के बाद वन दारोगा अमरेंद्र प्रताप सिंह ने थाने में तहरीर दी। पुलिस ने उनकी तहरीर के आधार पर 6 नामजद और 10-12 अज्ञात लोगों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश की जा रही है।
गौरतलब है कि जामुन का पेड़ एक प्रतिबंधित श्रेणी में आता है और इसे बिना अनुमति के काटना गैरकानूनी है। इस घटना ने वन विभाग की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों की अवैध कटाई होती रही और विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी।
यह घटना दिखाती है कि किस तरह से वन माफिया बेखौफ होकर प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। इस मामले में पुलिस और वन विभाग दोनों के सामने आरोपियों को पकड़ने और इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लगाने की बड़ी चुनौती है।
