
संवाददाता,, नरेश गुप्ता
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक दिल दहला देने वाली सड़क दुर्घटना हुई है, जिसने स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिसवां कोतवाली क्षेत्र के इटिया शहीद चौराहे पर एक तेज रफ्तार डीसीएम ने एक ऑटो में जोरदार टक्कर मार दी, जिससे ऑटो के परखच्चे उड़ गए और एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे के बाद पुलिस चौकी की घोर लापरवाही सामने आई है, जिससे लोगों में भारी आक्रोश है।
यह भीषण हादसा सोमवार को दोपहर करीब 11 बजे हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चौराहे पर तेज रफ्तार से आ रही एक डीसीएम ने ऑटो को बुरी तरह से टक्कर मारी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ऑटो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और उसमें सवार एक व्यक्ति ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। अभी तक मृतक की पहचान नहीं हो पाई है।
लापरवाही का आरोप: खाली पड़ी थी पुलिस चौकी
इस घटना ने लोगों को तब और भी अधिक चौंका दिया जब यह पता चला कि यह दुर्घटना इटिया शहीद पुलिस चौकी के बिल्कुल पास हुई थी। हादसा होने के बाद जब स्थानीय लोगों ने चौकी पर जाकर मदद मांगी, तो उन्हें चौकी पूरी तरह से खाली मिली। घंटों तक मृतक का शव सड़क पर ही पड़ा रहा, जिससे लोगों में गुस्सा बढ़ता गया।

कुछ देर बाद जब चौकी पर तैनात सिपाही पहुंचे, तो उन्होंने लोगों की मदद करने के बजाय उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, सिपाही ने लोगों से कहा, “पुलिस को और भी काम होते हैं।” जब लोगों ने इस लापरवाही पर सवाल उठाए, तो सिपाही ने उनके साथ धक्का-मुक्की भी की और उन्हें धमकाया। लोगों का आरोप है कि पुलिसकर्मी ने अपनी वर्दी का रौब दिखाते हुए कहा कि उन्हें सवाल करने का कोई हक नहीं है।
स्थानीय लोगों में गुस्सा, प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
इस घटना से स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति भारी रोष है। उनका कहना है कि अगर सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली पुलिस ही इतनी लापरवाह और असंवेदनशील होगी, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी? लोगों ने उच्च अधिकारियों से इस मामले का संज्ञान लेने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

फिलहाल, इस दुखद घटना और पुलिस की लापरवाही पर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह घटना न सिर्फ एक दुखद हादसा है, बल्कि कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया और उनके व्यवहार पर भी एक बड़ा प्रश्नचिह्न है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई करेगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
