
संवाददाता,, नरेश गुप्ता
लखनऊ – लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को किसानों के जबरदस्त विरोध के कारण गुरुवार को खाली हाथ लौटना पड़ा। LDA की टीम सीतापुर रोड और किसान पथ के बीच के गांवों में भूमि अधिग्रहण के लिए पहुंची थी, लेकिन पूरब गांव, मौली, सैरपुर, बीरमपुर, बौरुमऊ, धतिंगरा और समाधानपुर के किसानों ने एकजुट होकर टीम का डटकर विरोध किया। किसानों के तीखे तेवर देख अधिकारियों को बिना कोई कार्रवाई किए वापस जाना पड़ा।
किसान पिछले कई दशकों से अपनी उपजाऊ जमीन पर खेती कर रहे हैं और उनका कहना है कि LDA उनकी रोजी-रोटी छीनने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि जब शहर में पहले से ही कई खाली जमीनें और निष्क्रिय कॉलोनियां मौजूद हैं, तो प्राधिकरण को उन पर काम करना चाहिए। किसानों ने साफ कहा कि वे अपनी मेहनत से सींची गई उपजाऊ कृषि भूमि को किसी भी कीमत पर नहीं देंगे।

इस दौरान किसानों और LDA अधिकारियों के बीच तीखी बहस भी हुई। किसानों ने स्पष्ट किया कि उनकी जमीनें अभी भी खेती योग्य हैं और उन पर कोई निर्माण नहीं हुआ है। इसके उलट, कई निजी कॉलोनियों में विकास की गुंजाइश है, जहाँ LDA अपनी योजनाएं चला सकता है।
किसानों ने मुख्यमंत्री से इस मामले पर दोबारा विचार करने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गई, तो उनका आंदोलन और भी उग्र हो जाएगा। यह घटना एक बार फिर भूमि अधिग्रहण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सरकार और जनता के बीच के टकराव को सामने लाती है।
