
(दिनांक 2 सितंबर 2025 को दी गई थी पहली नोटिस)
सीतापुर,, ब्यूरो रिपोर्ट
सिधौली, सीतापुर: जनपद के सिधौली विकासखंड में नहर विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। अटरिया माइनर पर दुकानों और अन्य अतिक्रमण को हटाने के लिए विभाग द्वारा लगातार सिर्फ नोटिस पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। इस मामले में 15 दिनों के भीतर दूसरी बार नोटिस दिया गया है, जिससे स्थानीय जनता विभाग के इस खेल को पूर्णतह समझ रही है कर्मचारियों द्वारा इस रवैए से लोगों में नाराजगी है और वे इसे सिर्फ दिखावा मान रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, अटरिया माइनर के किनारे अवैध रूप से कई दुकानें संचालित हो रही हैं।

(दिनांक 19 सितंबर 2025 को दोबारा दी गई नोटिस)
इन अतिक्रमणों से न केवल माइनर का प्रवाह बाधित हो रहा है, बल्कि यह सार्वजनिक संपत्ति का दुरुपयोग भी है।
नहर कर्मचारियों पर सटीक बैठ रहा यह जुमला
,, जब सैया कोतवाल तो डर काहे का,,
अटरिया माइनर के कर्मचारियों द्वारा संबंधित अतिक्रमण पर कार्यवाही करने को लेकर इस तरह की नीति पर यह जुमला बिल्कुल सटीक मिलान दे रहा है
आप को बता दे अटरिया नहर विभाग ने पहली बार 2 सितंबर 2025 को सभी अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया था। उस नोटिस में साफ-साफ लिखा था कि दो दिनों के भीतर अतिक्रमण हटा लिया जाए, अन्यथा विभाग जेसीबी से इसे हटा देगा।
लेकिन, न तो अतिक्रमणकारियों ने इस नोटिस को गंभीरता से लिया और न ही नहर विभाग ने कोई कार्रवाई की। 15 दिन बीत जाने के बाद, 19 सितंबर 2025 को नहर विभाग ने फिर से नोटिस जारी कर दिया। इस दूसरी नोटिस को लेकर स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि यह विभाग की लापरवाही और काम से बचने का एक तरीका है।
जनता का मानना है कि विभाग केवल कागजी कार्यवाही करके यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वह गंभीर है, जबकि हकीकत में कोई भी अतिक्रमण हटाने की मंशा नहीं है।
इस तरह की दोहरी नीति से जनता का भरोसा कम हो रहा है। लोगों का कहना है कि अधिकारी शायद यह भूल गए हैं कि अब जनता जागरूक हो चुकी है और वे इस तरह के ‘बच्चों जैसे खेल’ को बखूबी समझ रही है।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि सिर्फ नोटिस जारी करने के बजाय ठोस कार्रवाई की जाए और अटरिया माइनर को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।
