​महोली के आतंक का अंत: पिंजरे में कैद हुआ आदमखोर बाघ, ग्रामीणों ने ली चैन की सांस

संवाददाता,, नरेश गुप्ता

महोली ​सीतापुर: महोली क्षेत्र में पिछले कई दिनों से आतंक का पर्याय बने आदमखोर बाघ को आखिरकार वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है। इस बाघ के पकड़े जाने की खबर सुनते ही क्षेत्र के ग्रामीणों और किसानों ने राहत की सांस ली है, जो पिछले कई दिनों से भय के साए में जी रहे थे।

​यह बाघ महोली तहसील के कुछ गांवों में लगातार सक्रिय था। इसने दो किसानों को हमला कर घायल कर दिया था, जिसके बाद से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई थी। बाघ के डर से किसान अपने खेतों में जाने से कतरा रहे थे, जिसके कारण उनकी फसलें भी प्रभावित हो रही थीं और उनकी आजीविका पर सीधा असर पड़ रहा था।

​वन विभाग का अथक प्रयास हुआ सफल

​वन विभाग को जैसे ही ग्रामीणों की तरफ से शिकायतें मिलीं, उन्होंने तुरंत इस पर गंभीरता से ध्यान दिया। विभाग की कई टीमें मौके पर भेजी गईं और बाघ को पकड़ने का अभियान युद्ध स्तर पर शुरू किया गया। अधिकारियों ने बताया कि बाघ की गतिविधियों पर लगातार नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों और ट्रैकिंग उपकरणों का भी इस्तेमाल किया गया था।

​वन विभाग की टीम ने बाघ के संभावित रास्तों और शिकार करने की जगहों पर कई मजबूत पिंजरे लगाए। इसके अलावा, टीम के सदस्य रात-दिन गश्त कर रहे थे और ग्रामीणों को भी सतर्क रहने की सलाह दी जा रही थी। यह अथक प्रयास आखिरकार सफल रहा और रविवार की सुबह (या उस दिन का दिन डाल सकते हैं) बाघ को एक पिंजरे में कैद कर लिया गया।

​अब बाघ को भेजा जाएगा सुरक्षित स्थान पर

​बाघ को पिंजरे में कैद करने के बाद, वन विभाग के अधिकारियों ने उसे सुरक्षित रूप से जिला मुख्यालय पर लाया है। अब इस बाघ को चिकित्सा जांच के बाद किसी सुरक्षित वन्य जीव अभ्यारण्य या टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित किया जाएगा, जहां वह इंसानी आबादी से दूर रहकर अपना जीवन जी सकेगा।

​वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे शांत रहें और विभाग को ऐसी किसी भी स्थिति में तुरंत सूचित करें। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया है कि पकड़ा गया बाघ अब किसी भी तरह से क्षेत्र के लिए खतरा नहीं है। इस सफलता के लिए वन विभाग की टीम की सराहना हो रही है, जिसने एक बड़े खतरे को टाल दिया है।

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