
संवाददाता,, नरेश गुप्ता
अटरिया सीतापुर, 21 सितंबर 2025 – ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के विवादित बयान के विरोध में आज सीतापुर के अटरिया स्थित नीलगांव चौराहे पर लाखन आर्मी के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने शौकत अली का पुतला फूंका और उनके खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। यह विरोध प्रदर्शन शौकत अली द्वारा कथित तौर पर सनातनी हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करने वाले बयान के बाद हुआ, जिससे हिंदू समाज में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
पुतला दहन से पहले हुआ विरोध मार्च
दोपहर लगभग एक बजे, लाखन आर्मी के कार्यकर्ता अटरिया कस्बे में एकत्रित हुए। उनके हाथों में शौकत अली का पुतला था और वे लगातार “शौकत अली मुर्दाबाद” और “सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” जैसे नारे लगा रहे थे। कार्यकर्ताओं ने पुतले को हाथ में लेकर कस्बे के प्रमुख मार्गों पर भ्रमण किया, जिससे स्थानीय लोगों का भी ध्यान इस प्रदर्शन की ओर आकर्षित हुआ। इस विरोध मार्च का उद्देश्य समाज के बीच इस मामले को लेकर जागरूकता बढ़ाना और शौकत अली के बयान की कड़ी निंदा करना था।

नीलगांव चौराहे पर किया गया पुतला दहन
मार्च के बाद, सभी कार्यकर्ता नीलगांव चौराहे पर पहुंचे। यहां भारी संख्या में लाखन आर्मी के सदस्यों और समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने शौकत अली के बयान को हिंदू समाज का अपमान बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की। इसी दौरान, दोपहर लगभग एक बजे, कार्यकर्ताओं ने नारे लगाते हुए शौकत अली के पुतले में आग लगा दी। पुतला दहन के दौरान चौराहे पर तनाव का माहौल रहा, लेकिन प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।

आक्रोश की वजह
लाखन आर्मी के सदस्यों ने बताया कि शौकत अली ने अपने एक बयान में हिंदू देवी-देवताओं और सनातन धर्म के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस बयान से हिंदू समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं, और यही इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणी किसी भी धर्म का अपमान है और यह समाज में वैमनस्यता को बढ़ावा देती है। लाखन आर्मी ने मांग की है कि प्रशासन इस मामले का संज्ञान ले और शौकत अली के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह के भड़काऊ और धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले बयान न दे सके।
इस घटना को लेकर स्थानीय पुलिस भी सतर्क रही और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। हालांकि, प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताकर वापस चले गए।
