अटरिया,, ​राष्ट्रीय राजमार्ग पर मौत को बुलावा: बंनौगा मोड़ हाईवे से सटी दुकानें बन रहीं बड़े हादसों का कारण पुलिसिंग पर उठेंगे सवाल

​अटरिया, सीतापुर: राष्ट्रीय राजमार्ग से सटी दुकानों के कारण अटरिया कस्बे का बंनौगा मोड़ बड़े हादसों को दावत दे रहा है। नवरात्रि जैसे महापर्व पर जब कस्बे में भारी भीड़ होती है और भारी वाहनों का आवागमन भी चरम पर होता है, तब ये दुकानें और भी खतरनाक साबित हो सकती हैं। ये स्थिति न केवल यातायात को बाधित कर रही है, बल्कि पैदल यात्रियों, खासकर स्कूली बच्चों, की जान को भी जोखिम में डाल रही है।

​खतरनाक बना बंनौगा मोड़

​बंनौगा मोड़ एक व्यस्त चौराहा है, जहां से कई बड़े शिक्षण संस्थान भी जुड़े हैं। सुबह और शाम के समय जब छात्र अपने स्कूल जाते और आते हैं, तब यहां वाहनों की आवागमन बढ़ जाती है। दुकानों के फुटपाथ तक फैले होने और ग्राहकों द्वारा अपने वाहन सड़क पर खड़े करने से स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। यह मोड़ इतना संकरा है कि अक्सर यहां लंबा जाम लग जाता है। आए दिन यहां पर बड़े वाहन जाम में फंस जाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। लोगों को सड़क पार करने में भी काफी परेशानी होती है। कई बार तो जल्दबाजी में लोग सड़क पार करते समय वाहनों की चपेट में आने से बाल-बाल बचते हैं।

​पुलिस की अनदेखी पर सवाल

​यह चौंकाने वाली बात है कि स्थानीय पुलिस, जो अक्सर पैदल मार्च और पेट्रोलिंग करती है, इस गंभीर समस्या की अनदेखी कर रही है। डायल 112 पीआरवी भी लगातार कस्बे में गश्त करती है, और कई बार तो उनके अपने वाहन भी इस जाम में फंस जाते हैं। इसके बावजूद, पुलिस प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। हालांकि, कई बार ठेले वालों से खानापूर्ति के लिए जुर्माना वसूला जाता है, जिसका रिकॉर्ड भी मौजूद होगा, लेकिन यह समस्या का स्थाई समाधान नहीं है।

​स्थायी समाधान की आवश्यकता

​इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए स्थायी और कठोर कदम उठाने की जरूरत है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन को मिलकर इन दुकानदारों को हाईवे से थोड़ी दूरी पर दुकान लगाने के लिए निर्देश देने चाहिए, या फिर हाईवे के किनारे पर्याप्त जगह छुड़वानी चाहिए ताकि वाहन और पैदल यात्री सुरक्षित रहें। दुकानदारों को भी अपनी और दूसरों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए और सड़क पर अतिक्रमण करने से बचना चाहिए। यदि समय रहते इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया, तो किसी भी दिन एक बड़ा हादसा हो सकता है, जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन और पुलिस पर होगी। इस मामले में तुरंत कार्रवाई करना समय की मांग है, ताकि लोगों की जान और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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