
संवाददाता,, नरेश गुप्ता
महमूदाबाद, नदवा प्रकरण: बेसिक शिक्षा विभाग में भूचाल! एडी बेसिक की जाँच से खुली ‘सत्य’ की राह, क्या बचेंगे दोषी?
महमूदाबाद, सीतापुर: प्राथमिक विद्यालय नदवा से शुरू हुआ विवाद अब एक गंभीर और निर्णायक मोड़ पर पहुँच गया है। यह प्रकरण केवल एक स्कूल के भीतर शिक्षकों के आपसी मनमुटाव तक सीमित नहीं रहा, बल्कि जिला और विभागीय स्तर पर हुई हलचल ने इसे प्रदेशभर की सुर्खियों में ला दिया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) पर प्रधानाध्यापक द्वारा किए गए हमले के बाद यह मामला पहले ही तूल पकड़ चुका था, लेकिन अब एडी बेसिक (अपर निदेशक बेसिक शिक्षा) का स्वयं जांच के लिए महमूदाबाद पहुँचना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि विभाग किसी भी स्तर पर ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।

शीर्ष अधिकारियों की दस्तक: जांच का बढ़ा दायरा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुरुवार को एडी बेसिक खुद बी.आर.सी. (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) महमूदाबाद पहुँचे और नदवा प्रकरण से जुड़े सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों की गहनता से जाँच शुरू की। प्रधानाचार्य बृजेंद्र वर्मा, शिक्षक संतोष वर्मा, और शिक्षिका अवंतिका से संबंधित सभी रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।
विवाद की जड़ में शिक्षिका अवंतिका की कथित रूप से लंबी अनुपस्थिति, जिसके बारे में छात्रों और अभिभावकों ने भी शिकायत की थी, और निलंबित किए गए शिक्षकों के पक्ष-विपक्ष में हुई घटनाएँ हैं। BSA पर हमले के बाद प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा को निलंबित कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि शिक्षिका अवंतिका गुप्ता और शिक्षक संतोष वर्मा को भी निलंबित किया जा चुका है।

सत्य छिपाना अब नहीं होगा आसान
एडी बेसिक का बीआरसी पर डेरा डालना और एक-एक कागजात की पड़ताल करना यह साबित करता है कि अब इस मामले में ‘सत्य’ को दबाना या छिपाना आसान नहीं होगा। विभाग की यह उच्च-स्तरीय जाँच स्पष्ट रूप से संकेत दे रही है कि वह इस पूरे प्रकरण की तह तक जाना चाहती है, न केवल मारपीट की घटना, बल्कि उससे पहले की गई लापरवाही, स्कूल से अनुपस्थिति और कथित तौर पर शिक्षण कार्य में बाधा डालने जैसे सभी पहलुओं को कवर किया जा रहा है।
जांच स्थल पर उमड़ी भीड़-भाड़ और गहमागहमी इस बात की गवाह है कि शिक्षक समाज, स्थानीय अभिभावकों और आम जनता की पैनी नज़र इस प्रक्रिया पर टिकी है। हर कोई जानना चाहता है कि क्या यह जांच वास्तव में निष्पक्ष होकर दोषी शिक्षकों (चाहे वे कोई भी हों) तक पहुँचेगी, या फिर किसी राजनीतिक या विभागीय दबाव के चलते इसे बीच में ही दबा दिया जाएगा।

बच्चों की पढ़ाई का भविष्य अधर में
इस पूरे हंगामे और जांच के बीच, सबसे बड़ा सवाल बच्चों की शिक्षा और उनके भविष्य का है। प्राथमिक विद्यालय नदवा के बच्चे अपने निलंबित प्रधानाध्यापक को वापस बुलाने की माँग पर हंगामा कर चुके हैं और कई दिनों तक स्कूल में शिक्षण कार्य ठप रहा है। लगभग 91 छात्रों के पंजीकरण वाले इस स्कूल में, शिक्षकों के बीच चल रहे विवाद ने नौनिहालों की पढ़ाई को बुरी तरह प्रभावित किया है।
अब यह देखना शेष है कि यह उच्च-स्तरीय जांच जल्द से जल्द पूरी होती है और स्कूल में शिक्षा का सामान्य माहौल बहाल होता है या नहीं। स्थानीय जनता और अभिभावकों का कहना है कि दोष किसी का भी हो, इसका सीधा असर बच्चों के शैक्षणिक भविष्य पर नहीं पड़ना चाहिए। उम्मीद की जा रही है कि एडी बेसिक की यह त्वरित जांच न केवल दोषियों को बेनकाब करेगी, बल्कि बेसिक शिक्षा विभाग में अनुशासन और नैतिकता का एक कड़ा संदेश भी देगी।
पूरे प्रदेश की निगाहें अब जांच की अंतिम रिपोर्ट पर टिकी हैं।
