
आतंक का अंत: सीतापुर में एक महीने से दहशत फैला रहा तेंदुआ आखिरकार पिंजरे में कैद
संवाददाता,, नरेश गुप्ता
सीतापुर: आतंक का अंत: सीतापुर में एक महीने से दहशत फैला रहा तेंदुआ आखिरकार पिंजरे में कैद क्षेत्र के निवासियों ने पिछले एक महीने से बनी दहशत से आखिरकार राहत की साँस ली है। बैशौली गांव स्थित गौशाला के पास आतंक मचा रहा एक तेंदुआ रविवार रात करीब 10 बजे वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में कैद हो गया। यह तेंदुआ लंबे समय से इलाके में गौवंशों को अपना शिकार बना रहा था, जिसके कारण ग्रामीणों में भारी खौफ का माहौल था।
इस आदमखोर तेंदुए ने पिछले एक माह से क्षेत्र में जमकर उत्पात मचाया था और कई मवेशियों को अपना निवाला बना चुका था। ग्राम प्रधान राजेश कुमार ने बताया कि तेंदुए के आतंक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1 और 3 सितंबर को उसने दो बछड़ों का शिकार किया। ग्रामीणों की शिकायत पर वन विभाग ने कार्रवाई शुरू की।
तेंदुए की मौजूदगी का सबसे पुख्ता सबूत 14 सितंबर को मिला, जब गौशाला में लगे सीसीटीवी कैमरे में उसकी हलचल कैद हुई। प्रधान और ग्रामीणों ने जब शोर मचाया, तब तेंदुआ मौके से भाग निकला था। इसके बाद ही वन विभाग ने इस खूंखार जानवर को पकड़ने के लिए गौशाला के समीप एक बड़ा पिंजरा लगाने का फैसला किया।
वन दरोगा ऋषभ सिंह तोमर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि बैशौली गांव की गौशाला में तेंदुए को कई बार देखा गया था, और 14 सितंबर की सीसीटीवी फुटेज निर्णायक साबित हुई। इसके तुरंत बाद पिंजरा लगा दिया गया था। उन्होंने बताया कि तेंदुए को आकर्षित करने के लिए प्रतिदिन शाम को पिंजरे में एक बकरी बांधी जाती थी। आखिरकार, वन विभाग की यह रणनीति काम आई और 28 सितंबर की रात करीब 10 बजे तेंदुआ शिकार की तलाश में पिंजरे के अंदर दाखिल हुआ और कैद हो गया।
तेंदुए के पकड़े जाने के बाद से पूरे गांव में खुशी और राहत का माहौल है। मौके पर वन विभाग की टीम मौजूद है और आगे की कार्यवाही की जा रही है। इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन से न केवल गौवंशों की जान बची है, बल्कि पूरे क्षेत्र के ग्रामीणों ने चैन की नींद ली है।
