​अटरिया,, पत्रकार और भाजपा कार्यकर्ता को दबंग लकड़ी ठेकेदार से जान का खतरा: न्याय के लिए थाने से लेकर विधायक तक गुहार

​पत्रकार और भाजपा कार्यकर्ता को दबंग लकड़ी ठेकेदार से जान का खतरा: न्याय के लिए थाने से लेकर विधायक तक गुहार

अटरिया (सीतापुर): अटरिया क्षेत्र में सक्रिय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता और पत्रकार नरेश गुप्ता को क्षेत्र के एक दबंग लकड़ी ठेकेदार से न सिर्फ मारपीट का सामना करना पड़ा है, बल्कि उन्हें जान से मारने और हस्ती मिटाने की धमकी भी मिली है। यह मामला तब गरमा गया जब पत्रकार गुप्ता, जो भाजपा के सक्रिय सदस्य भी हैं, ने ठेकेदार के अवैध लकड़ी कटान के एक मामले पर कार्रवाई करवाते हुए जुर्माना लगवाया।

​अवैध कटान पर कार्रवाई का बदला

​नरेश गुप्ता पत्रकारिता के पेशे से जुड़े होने के नाते क्षेत्र में हमेशा सत्य और निष्पक्षता को प्रमुखता देते हैं, और भाजपा के एक सक्रिय सदस्य के तौर पर पार्टी के कार्यों और अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। उनकी इसी सक्रिय भूमिका और ईमानदारी से नाराज होकर, अटरिया के धारावा गढ़ी निवासी प्रवीण सिंह उर्फ गोलू सिंह पुत्र चंदू सिंह, जो एक लकड़ी ठेकेदार है और क्षेत्र में भारी मात्रा में प्रतिबंधित लकड़ियों का अवैध कटान करने के लिए जाना जाता है, ने यह कदम उठाया।

​बीते 1 अक्टूबर 2025 की रात लगभग 9:00 बजे, ठेकेदार प्रवीण सिंह उर्फ गोलू सिंह, भाजपा कार्यकर्ता और पत्रकार नरेश गुप्ता के घर आया। वहाँ उसने पत्रकार गुप्ता को न सिर्फ मारा-पीटा बल्कि उनकी हस्ती मिटाने और जान से मारने की गंभीर धमकी भी दी।

​पुलिस और राजनैतिक हस्तक्षेप का आरोप

​इस घटना के तुरंत बाद, पीड़ित नरेश गुप्ता ने स्थानीय अटरिया थाने में तहरीर देते हुए न्याय की गुहार लगाई। हालांकि, मामले ने तब एक अप्रत्याशित मोड़ लिया जब अपराधी ठेकेदार प्रवीण सिंह उर्फ गोलू सिंह ने कथित तौर पर कुछ रिश्वतखोरों की मदद से सिधौली विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक मनीष रावत के कार्यालय पहुँचकर विधायक को गुमराह किया।

​आरोप है कि विधायक कार्यालय से अटरिया थाना प्रभारी उमाकांत शुक्ला को ठेकेदार के फेवर में फोन कर दिया गया। विधायक को ठेकेदार ने संपूर्ण जानकारी न देकर सिर्फ अपना पक्ष बताया, जिससे विधायक गुमराह हो गए और ठेकेदार अपनी बात को सही साबित करने में सफल रहा। इस राजनैतिक दबाव के कारण, भारतीय जनता पार्टी परिवार का एक सदस्य और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का हिस्सा होने के बावजूद, पत्रकार न्याय से वंचित रह गया।

​न्याय की मांग

​भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता और पत्रकार नरेश गुप्ता ने अब विधायक मनीष रावत से संपूर्ण जानकारी एकत्र कर मामले की सच्चाई जानने और एक न्याय प्रिय निर्णय लेने की विनम्र अपील की है। उनका कहना है कि इस तरह के दबंग ठेकेदार के कृत्यों पर अगर समय रहते लगाम नहीं लगाई गई, तो क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति और खराब होगी। साथ ही, यह घटना पार्टी के उन कार्यकर्ताओं के मनोबल को भी तोड़ती है जो ईमानदारी से जनहित में कार्य करते हैं।

​कार्यकर्ता और पत्रकार दोनों ही समाज और पार्टी की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और उन्हें सुरक्षा व न्याय मिलना अनिवार्य है। यह देखना होगा कि विधायक मनीष रावत इस गंभीर मामले में हस्तक्षेप कर सत्य और न्याय के पक्ष में क्या फैसला लेते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *