​अटरिया,, विद्युत करंट से नीलगाय की मौत ढीले तारों से कठवा गाँव में गहराया जनहानि का खतरा, ग्रामीणों में भारी रोष

​बिजली विभाग की ‘लापरवाही’ बनी नीलगाय की जान की दुश्मन!

​ढीले तारों से कठवा गाँव में गहराया जनहानि का खतरा, ग्रामीणों में भारी रोष

संवाददाता नरेश गुप्ता

​अटरिया सीतापुर: जनपद सीतापुर के सिधौली कोतवाली क्षेत्र के अटरिया थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत कठवा में बिजली विभाग की घोर लापरवाही का एक भयावह परिणाम सामने आया है। मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025 को ढीले लटकते बिजली के तारों की चपेट में आने से एक नीलगाय की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने एक बार फिर बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और स्थानीय ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है।

​जानलेवा बन चुके हैं बिजली के तार: कई शिकायतों के बाद भी विभाग बेपरवाह

​कठवा गाँव के लोगों के अनुसार, यह हादसा बिजली विभाग की उदासीनता का सीधा नतीजा है। स्थानीय समाजसेवी गौरव तिवारी ने बताया कि ढीले और नीचे लटके तारों को ठीक कराने के लिए विभाग को कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन हर बार उनकी अनदेखी की गई।

​ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली के तार इतने नीचे लटक रहे हैं कि उन्हें हाथ उठाकर आसानी से पकड़ा जा सकता है। इस खतरनाक स्थिति के कारण गाँव में किसी भी समय कोई बड़ी जनहानि हो सकती है, जिसका डर हर पल लोगों को सता रहा है। नीलगाय की मौत से यह स्पष्ट हो गया है कि यह खतरा केवल जानवरों तक सीमित नहीं है, बल्कि इंसानों की जान को भी है।

​ग्रामीणों का फूटा गुस्सा: ‘आश्वासन नहीं, ठोस कार्रवाई चाहिए’

​रामू तिवारी, भानू, आकाश पांडे, विपिन तिवारी, बल्लू और शुभम सहित कई ग्रामीणों ने एकजुट होकर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि विभाग ने समय रहते ध्यान दिया होता तो इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को टाला जा सकता था। उनका कहना है कि विभाग की यह गैर-जिम्मेदाराना रवैया न केवल जानवरों बल्कि इंसानों की जिंदगी से भी खिलवाड़ है।

​इस घटना के बाद, वन विभाग के फॉरेस्टर राम सेवक मौके पर पहुँचे और निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय लोगों की मदद से और जेसीबी का उपयोग करके मृत नीलगाय के शव को मिट्टी में दबवा दिया।

​खोखले आश्वासन की परंपरा! प्रधान प्रतिनिधि ने जताई आशंका

​मामले की गंभीरता को देखते हुए, क्षेत्र के जेई ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही गाँव में नए खंभे लगाकर तारों को ऊंचा किया जाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की कोई दिक्कत न आए।

​हालांकि, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि योगेश शुक्ला ने जेई के आश्वासन पर संदेह व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग केवल कोरे आश्वासन देता है और शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता। उनका यह बयान विभाग की कार्यशैली को लेकर ग्रामीणों के बीच व्याप्त अविश्वास को दर्शाता है। ग्रामीणों की मांग है कि सिर्फ वादे नहीं, बल्कि तुरंत कार्रवाई हो ताकि उनके और उनके परिवार की जान सुरक्षित रह सके।

​बड़ा सवाल: क्या एक बड़ी दुर्घटना का इंतज़ार कर रहा है बिजली विभाग?

​कठवा गाँव की यह घटना सीतापुर जिले में बिजली विभाग की लचर व्यवस्था को उजागर करती है। सवाल यह है कि क्या विभाग को अपनी नींद तोड़ने के लिए किसी बड़ी मानवीय दुर्घटना का इंतजार है? अब देखना यह है कि नीलगाय की मौत के बाद जागे विभाग के अधिकारी अपने वादे पर कब तक कायम रहते हैं और कब गाँव वालों को इस जानलेवा खतरे से मुक्ति मिलती है।

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