सत्संग के बिना मानव जीवन अधूरा है : अनूप महाराज

जिला हरदोई के ग्राम मलवा अखबेलपुर तिलमयी खेड़ा के सुखेता प्रांगण में चल रहे पैंतीस वर्ष से श्री विष्णु महायज्ञ एवं मानस सम्मेलन व सनातन धर्म के महाधिवेशन में तीन दिवसीय सेवा में असलापुर धाम से पधारें सुप्रसिद्ध कथावाचक अनूप ठाकुर जी महाराज ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है तो धर्म की रक्षा के लिए भगवान प्रकट होते हैं। अपनी लीला से सभी बाधाओं को दूर कर परमानंद प्रदान करते हैं। परमानंद की प्राप्ति के बाद मानव जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है। अनूप महाराज ने कहा कि व्यक्ति को जीवन में उन्नति के लिए आशावादी होना चाहिए। आशा की किरण को पूरा करने के लिए ईश्वरवादी होना जरूरी है। मानवता की राह पर चलकर व्यक्ति जीवन में अपेक्षित सफलता को आसानी से प्राप्त कर सकता है। ठाकुर जी ने कहा कि भगवान श्री राम का जीवन चरित्र ही धर्म है। भगवान राम अपने गुरु, पिता, भाई संत, अनुचर, सहचर से कैसे व्यवहार करते हैं। धर्म को समझना हो तो उनके आदर्श को अपना लें तो धर्म का पालन हो जाएगा। क्योंकि धर्म के सारे लक्षण भगवान के चरित्र में समाहित हैं। उन्होंने कहा कि राम कथा के श्रवण मात्र से ही मानव जीवन धन्य हो जाता है तथा मनुष्य जीवन के सारे दुखों का नाश हो जाता है। उसे हर स्थिति में एक समान रहने की सीख मिलती है। उन्होंने कहा कि राम नाम तो कण-कण में व्याप्त है। मात्र कुछ ही वक्त निकालकर अगर कोई रामकथा सुन ले तो उसका जीवन सफल हो जाता है। आज हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव है। ऐसे में रामकथा उन्हें सच्चाई का अहसास करवाती है। बिना सत्संग के मानव का जीवन अधूरा होता है। जीवन के सारे कष्टों का निवारण सिर्फ राम कथा से ही संभव है। इस मौके पर परिक्षित शिवकुमार सिंह, यज्ञ यजमान सुधीर सिंह, मास्टर दलगंजन सिंह, राकेश सिंह, भानुप्रताप सिंह, सत्येंद्र सिंह, राहुल सिंह, धनपति सिंह, श्याममोहन सिंह, समेत हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहें!

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