क्षयरोग सहित फाइलेरिया व कुष्ठ रोगियों की हुई खोज
63 फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को एमएमडीपी किट का हुआ वितरण
कानपुर 16 जनवरी 2023
देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के उद्देश्य से प्रत्येक माह की 15 तारीख को होने वाला निक्षय दिवस इस बार 16 जनवरी यानि सोमवार को मनाया गया । इस बार टीबी के साथ-साथ फाइलेरिया और कुष्ठ के संभावित मरीजों को भी खोजा गया। लक्षण वाले मरीजों को आशा कार्यकर्ता के माध्यम से उपकेंद्र तक पहुंचाया गया। ताकि इनका उपचार शुरू हो सके। समस्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जिला चिकित्सालय की वाह्य मरीज विभाग (ओपीडी) में आने वाले मरीजों के 10 प्रतिशत मरीजों की बलगम की जांच की गई । फाइलेरिया ग्रसित कुल 63 मरीजों को एमएमडीपी किट का वितरण किया गया।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.एपी मिश्रा ने बताया कि इस माह निक्षय दिवस का उद्देश्य टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान, गुणवत्तापूर्ण इलाज और योजनाओं का लाभ दिलाना है। अब इस माह से इस कार्यक्रम में फाइलेरिया, कुष्ठ और कालाजार को भी जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि सोमवार को निक्षय गतिविधियों के साथ कुष्ठ, फाइलेरिया और कालाजार उन्मूलन गतिविधियों पर ज़ोर दिया गया । इन बीमारियों के रोगियों को चिन्हित कर उन्हें उपचार, परामर्श व आवश्यक दवाएं दी गई ।
इस मौके पर सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से ब्लाक सरसौल के ग्राम हांथीगावा, हथेरूवा और दीपापुर में फाइलेरिया मरीजों के प्रबंधन पर चर्चा की गई। वहाँ मौजूद जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह ने फाइलेरिया नेटवर्क सदस्यों को फाइलेरिया प्रबंधन के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि फाइलेरिया का रोग किसी भी उम्र और अवस्था में हो सकता है। ऐसी स्थिति में फाइलेरिया रोग से प्रभावित अंगों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होता है। जिस रोगी को हाथ-पैर में फाइलेरिया की शिकायत होती है, उसे डॉक्टर से परामर्श लेकर नियमित तौर पर व्यायाम भी करना चाहिए। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया शरीर के प्राइवेट पार्टस को भी प्रभावित करता है। कई बार लोग संकोच की वजह से उपचार कराने से बचते हैं। जिससे मर्ज बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि पुरुषों में होने वाला हाइड्रोसील फाइलेरिया का ही रूप होता है। इसके लिए ऐसे लोग जिन्हें हाइड्रोसील की शिकायत है वह नि:शुल्क ऑपरेशन करा सकते हैं।
इस दौरान फाइलेरिया रोगियों के प्रबंधन का डैमो भी प्रदर्शित किया गया। पाथ-सी.एच.आर.आई. के आई.वी.एम्. कोऑर्डिनेटर सीताराम चौधरी, सहायक मलेरिया अधिकारी भूपेंद्र सिंह व सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीएफएआर) की टीम सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।