- कम्युनिटी एडवायजरी बोर्ड की बैठक आयोजित
सीतापुर। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत कम्युनिटी एडवायजरी बोर्ड (कैब) की एक बैठक का आयोजन जिला क्षय रोग अधिकारी के कार्यालय पर आयोजन किया गया। लक्षित हस्तक्षेप परियोजना के तहत आयोजित यह बैठक नारी जागरण सेवा समिति के सहयोग से किया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. श्याम सुंदर ने कहा कि जिले में एचआईवी संक्रमण से ग्रस्त लोगों की तलाश का कार्य वर्ष 2002 से शुरू हुआ। नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (नॉको) के सहयोग से यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी (यूपी सैक्स) के निर्देश पर डिस्ट्रिक एड्स कंट्रोल सोसाइटी यह कार्य कर रही है। जिले में मौजूदा एड्स रोगियों की संख्या 202 है। इनमें अधिकांश वे लोग हैं जो यूपी अथवा दूसरे प्रांतों के महानगरों में काम करते हैं, सेक्स वर्कर हैं अथवा इंजेक्शन से नशा लेने के आदी हैं। जिले में करीब 300 लोग ऐसे हैं, जोकि इंजेक्शन के माध्यम से नशा करते हैं। इंजेक्शन से नशा करने वालों में 57 लोग एड्स से पीड़ित भी हैं।
बैठक में नारी जागरण सेवा समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सचिन त्रिपाठी ने उ.प्र. राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी एवं नेशनल एड्स नियंत्रण सोसायटी द्वारा जिले में इंजेक्शन से नशा लेने वाले, किन्नरों और महिला और पुरुष सेक्स वर्कर्स से संबंधित जो विवरण मांगा गया है, उस पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि एड्स को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है, लेकिन अभी भी लोगों में इस बीमारी को लेकर भ्रांतियां है और वह इसकी जांच कराने नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी एड्स जांच केंद्र पर अाने वाले मरीज की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाती है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति नि:संकोच आकर अपनी जांच करा सकता है। वह यह भी बताते है कि इन केंद्रों पर यह भी बताया कि जाता है कि कोई भी व्यक्ति एचआईवी के वायरस किस तरह से संक्रमित होता है। बैठक में आशीष दीक्षित, रमेश मौर्या, राजेश मौर्या, बिन्नी मिश्रा, दिलीप कमार, नवीन दीक्षित, शोभित शुक्ला, उदय प्रताप सिंह, गौरव त्रिपाठी, राखी त्रिवेदी, वंदना, शोभित, मोहित निगम, जितेंद्र सिंह, नगमा खान व ममता शुक्ला आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।