विश्व एनटीडी दिवस पर आयोजित हुई गोष्ठी, चला हस्ताक्षर अभियान
चिकित्सक व जनता का इन बीमारियों के प्रति संवेदनशील होना जरूरी
कानपुर नगर, 30 जनवरी 2023
उपेक्षित बीमारियों के उन्मूलन के लिए समुदाय में जागरूकता बढ़ाने की बड़ी जरूरत है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी को फाइलेरिया हो जाए तो उसकी जिंदगी मृत समान हो जाती है। अगर वह परिवार का मुखिया है तो उसके परिवार का आर्थिक विकास भी रुक जाएगा। ऐसे में समुदाय की जागरूकता लोगों को इस बीमारी से बचा सकती है। मामूली लक्षण देखें तो फौरन पास के सरकारी अस्पताल ले जाएं। यह बातें विश्व नेगलेक्टेड ट्रापिकल डिजीज (एनटीडी) दिवस पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) द्वारा आयोजित गोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने कहीं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने फाइलेरिया उन्मूलन का संकल्प लिया, सेल्फी ली और हस्ताक्षर अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इसके साथ ही कुष्ठ, कालाजार एवं फाइलेरिया जैसी उपेक्षित बीमारियों के बारे में जागरूक किया गया । ब्लॉक सरसौल , घाटमपुर और कल्याणपुर से गोष्ठी में भाग लेने पहुंचे फाइलेरिया नेटवर्क सदस्यों ने भी अपने अनुभव साझा किये।
जिला मलेरिया अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि इन बीमारियों के प्रति विभाग के अलावा समुदाय को भी जागरूक होना है। डाक्टरों को भी जागरूकता दिखानी होगी। लक्षण दिखते ही मरीज का पैथालाजी टेस्ट कराया जाए तो बहुत से मरीजों की जल्द पहचान हो सकती है। समुदाय के स्तर पर अगर किसी मरीज को हल्के लक्षण भी दिखें तो फौरन पास के सरकारी अस्पताल में दिखाएं, वह चाहे परिवार का सदस्य हो या आसपास का। आगे बढ़कर की गई यही मदद इन बीमारियों को काबू करने में सहायक बनेंगी। यह बीमारियां किसी इंसान को रोगी बनाने के साथ.साथ परिवार को आर्थिक रूप से कमजोर भी बना देती हैं।
संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ एके कन्नौजिया ने कहा कि एनटीडी में लिम्फैटिक फाइलेरिया (हाथीपांव) विसेरल लीशमैनियासिस ;(कालाजार), लेप्रोसी (कुष्ठरोग), डेंगू, चिकुनगुनिया, सर्पदंश, रेबीज़ जैसे 16 रोग शामिल होते हैं। इनमें से अधिकतर बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं, इसलिए मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए घर व आस.पास साफ. सफाई रखें, जलजमाव न होने दें। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरएन सिंह ने कहा कि सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। इसके प्रति जनजागरूकता को बढ़ावा देकर भी इन बीमारियों से बचा जा सकता है । जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ महेश कुमार ने कहा कि शरीर में किसी भी तरह के दाग-धब्बे या सुन्नपन आता है तो तत्काल इसे डॉक्टर को दिखाना चाहिए ताकि समय से उपचार हो सके और कुष्ठ का निवारण हो। उन्होंने कहा कि सोमवार से सघन कुष्ठ रोगी खोज एवं निगरानी अभियान शुरू हो रहा है, इस अभियान में सभी लोग अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह से निभाएं ताकि कुष्ठ पर अंकुश लगाया जा सके।
इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके सिंह, सहायक जिला मलेरिया अधिकारी, फाइलेरिया नेटवर्क सदस्य , सीफार के जिला समन्वयक प्रसून बाजपेयी व टीम सहित बड़ी संख्या में अन्य लोग उपस्थित रहे।