राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण दिवस पर सोमवार को जनपद को कुष्ठ रोग से मुक्त बनाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गीताराम ने अपने कार्यालय में जिलाधिकारी का संकल्प संदेश पढ़ा और चिकित्सकों व कर्मचारियों को कुष्ठ मुक्त जनपद बनाने की शपथ दिलाई।
सीएमओ ने बताया कि प्रतिवर्ष 30 जनवरी को कुष्ठ निवारण दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष इस दिवस की थीम है “आइए कुष्ठ से लड़ें और कुष्ठ को इतिहास बनाएं”| सीएमओ ने कहा कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है समाज में कुष्ठ रोगियों के प्रति बढ़ते भेदभाव को कम करना और कुष्ठ रोग से जुड़ी सही जानकारी लोगों तक पहुंचाना, ताकि समाज में इन रोगियों के प्रति किसी तरह का भेदभाव न हो और कुष्ठ रोगियों का सामाजिक व पारिवारिक जीवन प्रभावित न हो।
सीएमओ ने कहा कि जो व्यक्ति कुष्ठ रोग से प्रभावित था और इलाज के बाद पूरी तरह स्वस्थ हो चुका है उसके साथ रहने, खाने और छूने पर कुष्ठ रोग नहीं होता| इसलिए इन व्यक्तियों से किसी भी प्रकार का भेदभाव न करें।
कुष्ठ रोग को जानें –
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ बलराज ने बताया कि कुष्ठ रोग एक दीर्घ कालीन संक्रामक रोग है। यह माइक्रोबैक्टेरियम लैप्री नामक जीवाणु द्वारा फैलता है। यह मुख्ययत: हाथ – पैरों की परिधीय तंत्रिका, त्वचा, नाक की म्यूकोसा और श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से को प्रभावित करता है। यदि कुष्ठ रोग की पहचान सही समय पर न हो और समय से उपचार न मिले तो स्थाई दिव्यांगता उत्पन्न कर देता है।
उन्होंने बताया कि जनपद में सोमवार (30 जनवरी) से 13 फरवरी तक चलाए जाने वाले स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गीताराम द्वारा किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद में कुष्ठ 58 रोगी हैं और अप्रैल 2022 से अब तक 38 नए रोगी मिले हैं ।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण दिवस पर जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और ग्राम सभा स्तर पर सभी ग्राम प्रधानों ने कुष्ठ मुक्त समाज की स्थापना के लिए शपथ ली गई और महेवा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर विशेष कार्यक्रम आयोजित कर कुष्ठ रोगियों को सेल्फ केयर किट वितरित की गई | सीएचसी पर जागरूकता कार्यक्रम में सभी को बताया गया कि सेल्फ केयर किट का उपयोग किस प्रकार करें और इसकी (मल्टी ड्रग थेरेपी) दवा नियमानुसार सेवन करने पर कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति भी सामान्य इंसान जैसा स्वस्थ जीवन जी सकता है।
महेवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपस्थित 60 वर्षीय कुष्ठ रोगी राजेंद्र सिंह (बदला हुआ नाम) ने बताया कि पिछले आठ महीनों से मैं दवा का सेवन कर रहा हूं जिससे मुझे बहुत आराम मिला है| इसलिए मैं सभी से अपील करता हूं कि यदि त्वचा में हल्के व गहरे रंग के लाल धब्बे, हाथ -पैरों में सुन्नपन, सूजन या घाव जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत सरकारी अस्पताल जाकर जांच कराएं और इलाज लें।