इटौंजा लखनऊ,लाखों की लागत से बना सुलभ शौचालय कई महीनों से बंद पड़ा है। यह एक शोभा की वस्तु बनकर रह गया है।
शासन और प्रशासन ग्राम पंचायतों के विकास के चाहे जितने भी गीत गाए पर ढोल के भीतर पोल वाली कहावत लागू होती है
इटौंजा बख्शी तालाब क्षेत्रों के अधिकांश सुलभ शौचालय में ताला लटका रहता है। इससे नागरिकों को शासन द्वारा प्रदान यह सुविधा न के बराबर प्राप्त हो रही है। इससे नागरिकों ने इस पर नाराजगी जताई है।
क्षेत्र के जनप्रतिनिधि रामदेव तिवारी राजेंद्र रावत राकेश यादव अमीर बहादुर चंद्रशेखर मोहम्मद अकील खां तथा नागरिकों ने बताया कि पृथ्वी नगर रेवा मऊ पलिया पहाड़पुर अरम्बा रायपुर राजा नरोसा मलूकपुर करौंदी बहरगांव तथा अन्य पंचायतों के सुलभ शौचालय में ताला झूला करता है ।इससे नागरिकों को सुलभ शौचालय की सुविधा मुहैया नहीं हो पा रही है। एक सुलभ शौचालय के निर्माण में ₹700000 से अधिक की धनराशि व्यय की जाती है। शासन जनता के लिए अनेक योजनाएं पंचायत स्तर पर चला रही है पर ग्रामीणों को इन योजनाओं की जानकारी न होने पर वह इनका लाभ नहीं उठा पाते हैं। योजनाएं मात्र कागज पर सिमट कर रह जाती हैं। इससे जनता इन योजनाओं का लाभ पाने के लिए ताकती रहते हैं।
एक जानकारी के अनुसार मुसपिपरी मवाई कला रेवा मऊ तथा अन्य पंचायतों में सुलभ शौचालय ज्यों के त्यों अधूरे खड़े निर्मित हैं इधर इससे संबंधित अधिकारी व कर्मचारी अपनी पीठ थपथपाने मे कोई कसर में शेष नहीं रखते हैं। ग्रामीणों के लिए पंचायत स्तर पर चाहे जितनी कल्याणकारी योजनाएं चलाएं पर जब तक इनका क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं होगा तब तक यह योजनाएं कागज पर ही क्रियाशील रहेंगी और जनता इनसे अछूती रहेगी शासन इन योजनाओं का ढोल पीटती रहेगी।