गोरखपुर,आशा और एएनएम से सम्पर्क कर बच्चों को लगवाएं टीका-सीएमओ

विशेष टीकाकरण पखवाड़े का जिला महिला अस्पताल से शुभारम्भ

गोरखपुर, 13 फरवरी 2023

बच्चों के जन्म से पांच वर्ष की आयु तक सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है । यह टीके बारह प्रकार की जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं । अगर किसी बच्चे का टीकाकरण छूट गया है तो उसके अभिभावक आशा कार्यकर्ता और एएनएम से सम्पर्क कर छूटा हुआ टीका लगवा सकते हैं । इसी उद्देश्य से 13 से 24 फरवरी तक विशेष टीकाकरण पखवाड़ा चल रहा है । उक्त बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने जिला महिला अस्पताल से पखवाड़े का शुभारम्भ करने के बाद कहीं। उन्होंने बताया कि इस विशेष अभियान के जरिये छूटे बच्चों को टीकाकरण की सुविधा मिलेगी ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने देवबली, अकरम और रोहन के बच्चों को पल्स पोलियो का ड्रॉप पिला कर जिला महिला अस्पताल से अभियान की शुरूआत की । उन्होंने बताया कि जनवरी से मार्च तक 48950 बच्चों का टीकाकरण विशेष पखवाड़े के तहत प्रस्तावित है । जनवरी में नौ तारीख से 21 तारीख तक चले पखवाड़े के दौरान इसमें से 22890 बच्चों का टीकाकरण हो चुका है । शेष बच्चों का टीकाकरण फरवरी और मार्च माह के अभियान के दौरान पूरा किया जाना है। अभियान की सफलता में अभिभावकों की जागरूकता काफी सहायक साबित होगी ।

डॉ दूबे ने बताया कि सरकारी अस्पताल के टीके गुणवत्तायुक्त कोल्ड चेन में रखे जाते हैं। यह काफी सुरक्षित और असरदार हैं। कुछ टीकों के लगने के बाद बच्चों को बुखार भी आता है लेकिन इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है । यह एक स्वाभाविक लक्षण है जिसके लिए दवाएं भी दी जाती हैं । बच्चों को निरोगी और स्वस्थ भविष्य प्रदान करने के लिए टीके लगने आवश्यक हैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा की देखरेख में सहायक शोध अधिकारी अजीत सिंह के विशेष सहयोग से शत प्रतिशत प्रतिरक्षण का प्रयास किया जा रहा है।

इस अवसर पर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अजय देवकुलियार, डॉ जय कुमार, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डीएचईआईओ केएन बरनवाल, क्वालिटी मैनेजर डॉ कमलेश, एएनएम सोनवाला, नेहा, कोल्ड चेन हैंडलर यशवन्त, एआरओ अजीत सिंह, यूएनडीपी संस्था से पवन सिंह, यूनिसेफ से डॉ हसन फहीम, नीलम यादव, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि और डीईओ आदिल फखर प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।

टीकाकरण का प्रावधान

सीएमओ ने बताया कि नियमित टीकाकरण से टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, टीटनेस, मिजिल्स, परट्यूटिस (काली खांसी), रूबेला, जेई (दिमागी बुखार), निमोनिया, वायरल डायरिया और इंफ्लूएंजा से बच्चों की सुरक्षा होती है । जिला महिला अस्पताल में सभी सात दिन, जबकि 23 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर सोमवार को छोड़ कर प्रत्येक दिन टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है।

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