जिस पंचक्रोशी मार्ग का लोकार्पण PM ने किया था वहां की सड़क पर बड़े-बड़े जानलेवा गड्ढे
वाराणसी से स्वतंत्र पत्रकार राजकुमार गुप्ता की खास रिपोर्ट
वाराणसी: राजातालाब
कहने को पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में नौ साल में विकास की गंगा बह गई है। तक़रीबन यही बातें 2022 के विधानसभा चुनाव में कही और और सुनी गई है।
लेकिन आलम यह है कि काशी की प्राचीन पंचक्रोशी यात्रा के मार्ग इतने ख़राब होंगे इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। पीएम ने अबतक के अपने कार्यकाल में काशीवासियों को करोड़ों रुपये की सौगात भी दे चुके हैं। उस सौगात में पंचक्रोशी मार्ग भी शामिल है। लेकिन हाल यह कि उस पंचक्रोशी मार्ग पर चलना दुर्घटना को दावत देने जैसा है। गड्ढायुक्त सड़कों के चलते अक्सर ही लोग इन गड्ढों में गिर रहे हैं। इसके लिए क्षेत्रीय जनता ने कई बार धरना प्रदर्शन और सीएम तक शिकायत भी किया पर कोई सुनवाई नहीं हो सकी।
आए दिन हो रही दुर्घटना
सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र के राजातालाब पंचक्रोशी मार्ग से रानी बाजार रेलवे क्रासिंग से कचनार, राजमार्ग-19 राजातालाब चौराहा से होकर जंसा, हरहुआ निकलने वाली पंचक्रोशी मार्ग काफी जर्जर हो गई है। भारी वाहन प्रतिबंधित होने के बावजूद ओवरलोड ट्रकों के आवागमन से सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। इससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।
नागरिकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
पंचक्रोशी मार्ग धार्मिक दृष्टि महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मार्ग पर कई ऐतिहासिक महत्व वाले मंदिर हैं। मजेदार तो यह कि इस मार्ग पर भारी वाहन ट्रकों का आवागमन प्रतिबंधित है। बावजूद इसके इस मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन अनवरत जारी है। ये सब जिला व पुलिस प्रशासन की जानकारी में है। सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता और स्थानीय ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि ओवरलोड ट्रकों का संचालन नहीं रोका गया और सड़क की मरम्मत नहीं की गई तो वे बड़े जनांदोलन को बाध्य होंगे।
सड़क और नाली निर्माण में गुणवत्ता खराब, होने की सीएम तक शिकायत की गई थी
रानीबाजार रेलवे क्रासिंग से पुलिस चौकी राजातालाब कचनार गाँव के पंचायत भवन तक पंचक्रोशी मार्ग पर बने सड़क और नाली की गुणवत्ता को लेकर डीएम और सीएम लगायत स्थानीय जनप्रतिनीधियो, अफ़सरों तक कई बार स्थानीय लोगों ने शिकायत किया था लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। मार्ग के दोनो तरफ एक किलोमीटर लंबी नाली का निर्माण हुआ है। इसमें मैटेरियल की गुणवत्ता खराब होने से नाली बनने के समय से ही टूटने लगी थी।
कचनार ग्राम प्रधान उर्मिला पटेल ने बताया कि नाली पर ढक्कन तक नहीं लगाए गए। दूसरी तरफ नाली बनाने के लिए खोदाई करने से सड़क सिकुड़ गई है। पुरानी नाली के टूटने से सीवर का अवजल, मल मूत्र सड़क पर बजबजा रहा है। नाली के निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया। जिससे नाली क्षतिग्रस्त हो गई है।