जिला अस्पताल से मिली मदद , निशुल्क सुविधायें
इटावा 16 फरवरी 2023।
राजकीय महिला शरणालय में रहने वाली 42 वर्षीय संवासिनी को जिला अस्पताल से मदद मिली | जून 2022 से कानपुर से स्थानांतरण होकर जिला महिला शरणालय में न्यायालय आदेश के अनुसार शिफ्ट की गई । वह मानसिक रूप से अस्थिर और बोलने में अक्षम है । 6 फरवरी 2023 को इन्हें जब जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया तब इनकी हालत अस्थिर थी क्योंकि अधिक रक्तस्त्राव के कारण शरीर में खून की कमी हो गई थी | जिसके बाद 8 फरवरी को इनका रसौली का सफल ऑपरेशन किया गया और अब यह पूर्णता स्वस्थ हैं यह जानकारी जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एमएम आर्या ने दी।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताते है कि जब यह मामला मेरे संज्ञान में आया तो मैंने व्यक्तिगत रूप से ब्लड बैंक द्वारा दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था की और इलाज और ऑपरेशन के संदर्भ में अपनी टीम को जल्द से जल्द सहयोग प्रदान करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि इस तरह के केस में विभागीय कार्यवाही के साथ कानूनी सहमति इलाज और ऑपरेशन के लिए अनिवार्य होती है इसीलिए जिला अस्पताल द्वारा ऐसी मरीजों का इलाज करने के लिए हम लोग हमेशा तत्पर रहते हैं जिससे सही समय पर सही इलाज मरीज को मिले।
राजकीय महिला शरणालय सप्ताहिक रूप से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाली भरथना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कि डॉ अर्चना ने बताया कि संवासिनी को गर्भाशय की मांसपेशियों में गांठ बनने से रसौली की समस्या थी इसी वजह से उसे अतिरिक्त रक्त स्त्राव होने के कारण इनकी स्थिति अचानक बहुत ही बिगड़ गई। उन्होंने बताया कि नवंबर 2022 में भी जब मैंने स्वास्थ्य परीक्षण किया तो अतिरिक्त रक्त स्त्राव की वजह से उसका हीमोग्लोबिन 3 था उसे तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया। डॉ अर्चना ने बताया सीएमएस से समन्वय स्थापित करते हुए ब्लड बैंक द्वारा उसे दो यूनिट रक्त भी चढ़ाया गया और दवाइयां दी गई। डॉ अर्चना बताती है कि उसकी शरणालय में विशेष देखरेख की गई लेकिन कुछ दिनों बाद उसे फिर अतिरिक्त रक्त स्त्राव होने लगा इस बार उसकी स्थिति बहुत ही गंभीर थी अतिरिक्त रक्तस्राव के कारण खून की कमी बहुत हो गई थी जिससे उसके जीवन पर भी संकट था तब उसे जिला अस्पताल में फिर भर्ती किया गया और 8 फरवरी को डॉ शिवमंगल द्वारा रसौली का सफल ऑपरेशन हुआ और अब वह पूर्णता स्वस्थ है।
राजकीय महिला शरणालय अधीक्षक आशा गौर ने बताया कि संवासिनी के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक टीम हमारे साथ काम करती है। उन्होंने बताया कि हमारे विशेष अनुरोध पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुए शरणालय में समय-समय पर चिकित्सा शिविर लगाए जाते हैं,जिसमें सप्ताहिक रुप से जिला अस्पताल के डॉक्टर स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं।
उन्होंने बताया कि लेकिन कानूनी औपचारिकताओं को पूर्ण करने में समय लगता है लेकिन विशेष परिस्थितियों में जिस प्रकार का सहयोग जिला अस्पताल मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एमएम आर्या और डॉ अर्चना व डॉ शिवमंगल द्वारा व्यक्तिगत रुचि दिखाते हुए अपने स्तर से संवासिनी के इलाज में सहयोग किया गया उसके लिए मैं सभी को आभार व्यक्त करती हूं और हर्ष व्यक्त करती हूं कि हमारे शरणालय की महिला संवासिनी अब जीवन संकट से बाहर है और वह पूर्ण स्वस्थ है।