(लेखक मनोवैज्ञानिक और शिक्षक )
देश की सबसे बड़ी बोर्ड की परीक्षा प्रारंभ होने में हो चुका हैं। यूपी बोर्ड की परीक्षा में लाखों लाख परीक्षार्थी हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा देने बैठते हैं। गांव गिरांव से लेकर बड़े शहरों तक के छात्र इस परीक्षा में सम्मिलित होते हैं। देखा जाए तो समाज के सभी वर्ग के छात्र हाईस्कूल और इंटर की कक्षा में अध्ययन करने के बाद बोर्ड की परीक्षा को अच्छे अंक से उत्तीर्ण करने के लिए प्रयासरत होते हैं। कम आयु वर्ग के होने के कारण, अच्छा अंक लाने की प्रत्याशा, तैयारी ठीक से न होने का भय छात्रों में परीक्षा को लेकर दिमाग के किसी कोने में भय बना रहता है। भय के कारण परीक्षार्थी अच्छे अंक लाने की जगह कम अंक प्राप्त करते हैं।यहां तक कि देखा गया है कि कुछ परीक्षार्थी भय के कारण बीमार हो जाते हैं जबकि कुछ छात्र सब कुछ याद होने के बावजूद परीक्षा के समय भूलने की समस्या को बताते हैं।
यह छात्रों के लिए जहां चिंताजनक है वही उनके अभिभावकों के लिए भी परीक्षा के दौरान चिंता होने का एक प्रमुख कारण हो जाता है। छात्र और अभिभावक दोनों को इस समय सजग होने की आवश्यकता है। इस कार्य में शिक्षक तो हमेशा से सहयोग देते रहे हैं।पर छात्रों के मन से भय दूर करने की एक बार फिर उनकी जिम्मेदारी बन जाती है।
परीक्षा के समय बच्चों को सादा सरल और सुपाच्य भोजन देने चाहिए। छात्रों को भी गरिष्ठ भोजन से दूर रहना चाहिए। छात्र को भरपूर नींद लेनी चाहिए। जिन छात्रों ने अपने पूरे कोर्स पढ़ लिए हैं उन्हें सरसरी तौर पर उसे दोहराने की जरूरत होती है। जिन परीक्षार्थियों ने कुछ पन्ना छोड़ रखा है उसे भी समय निकाल कर देना जल्दी बाजी किए पढ़ लेना चाहिए। यह समय छात्र को किसी से तुलना करने का नहीं है। यह कदापि न सोचे कि अमुक मित्र ने काफी तैयारियां कर ली है उसके मुकाबले मेरी तैयारी नहीं है। इस कारण से मेरा नंबर कम आ सकता है। यह समय बीते हुए कल के बारे में सोचने का नहीं है। बस यह ख्याल रखें की अब उनके सामने प्रसन्न होकर हंसते हुए परीक्षा देने का समय है। छात्र परीक्षा में कक्ष में जाने से पहले खुद को तैयार करें और अपना मनोबल ऊंचा रखें। परीक्षार्थी इस बात का ख्याल करें इसके पहले भी उन्होंने कई बार परीक्षाएं दी है और विभिन्न कक्षाओं को पास करते हुए यहां तक पहुंचे हैं। यह परीक्षा भी वैसा ही है और इसे भी वे अच्छे अंक से पास कर लेंगे। असफलता के बारे में कदापि न सोचे। आत्म विश्वास बनाए रखें कि मेरा भी अच्छा अंक आएगा। कभी कभार परीक्षा के दौरान किसी प्रश्न पत्र में कुछ एक प्रश्न छूट जाते हैं या याद रहते हुए समय पर याद नहीं आते।उसके बारे में बार-बार कदापि न सोचे। अगले प्रश्न पत्र की तैयारी करें।ट्राई अगेन- ट्राई अगेन का मंत्र अपने जीवन में बनाए रखें।
छात्र आस्थावान है तो अपने ईश में आस्था रखें और यह सोचे कि वह बेहतर कर रहा है और अगले दिन दूसरे प्रश्न पत्र की परीक्षा में और अधिक बेहतर करेगा। शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों को प्रोत्साहित करें। उसकी अच्छी खूबियों को बताएं और छात्रों को नकारात्मकता से दूर रखें।