इटावा,आपदा को अवसर बनाकर निशा ने बनाई अपनी अलग पहचान

डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से आर्टिफिशियल ज्वेलरी बना कर बेच रही हैं देश-विदेश में

इटावा 6 मार्च 2023।

जिले में महिलाएं डिजिटल शिक्षा का इस्तेमाल कर समाज में और अपने जीवन में बहुत बड़ा बदलाव ला रही हैं।वह स्वयं आर्थिक रूप से समृद्ध होकर अन्य महिलाओं को भी रोजगार दे रही हैं। जो कहीं न कहीं महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण है। इसी क्रम में कटरा फतेह महमूद खां निवासी 38 वर्षीय निशा आज आर्टिफिशियल ज्वेलरी बनाकर ऑनलाइन अपनी ज्वेलरी देश-विदेश में बेच रही हैं। यह जानकारी जिला प्रोबेशन अधिकारी सूरज सिंह ने दी। डीपीओ ने कहा कि निशा ने संघर्ष तो किया लेकिन उन्होंने आपदा को अवसर में बदला।

कोरोना काल में दुकान बंद हुई तो निशा ने अपनाया डिजिटल प्लेटफॉर्म

आर्टिफिशियल ज्वेलरी का काम करने वाली निशा ने बताया कि लगभग 6 वर्ष पहले मैंने इस काम को करना शुरू किया। जब मैं एक छोटी सी दुकान पर बाहर से ज्वेलरी मंगा कर बेचती थी। लेकिन कोरोना की वजह से दुकान बंद हो गई और आर्थिक रूप से मुझे नुकसान हुआ। निशा बताती है कोरोना खत्म होने के बाद स्थितियां सामान्य हुई तब मैंने और मेरे पति नीरज ने सोचा क्यों न डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपनाएं व घर में ही ज्वेलरी बनाकर बेचा जाए जिसके बाद मैंने डिजिटल प्लेटफार्म पर अपने अकाउंट बनाया (अमेजॉन फ्लिपकार्ट मीशो)। जिसके बाद घर पर ही ज्वेलरी बनाने का काम शुरू कर दिया। कुछ समय बाद परिणाम सकारात्मक आने लगे हमारे अकाउंट पर लोग हमारे द्वारा बनाई गई ज्वेलरी की मांग करने लगे। निशा ने बताया एक समय ऐसा था मैं अपने दुकान का किराया नहीं निकाल पाती थी और आर्थिक स्थिति बहुत बुरी तरह से खराब थी लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मेरे सामान को पसंद किया गया जिससे मेरी कमाई बेहतर हुई और आज मेरे द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म से देश के अलग-अलग शहरों व प्रमुखता से जयपुर और गुजरात के डीलरों को सामान भेज जा रही हूं व उनकी मध्यस्थता से एक वेबसाइट बनाई जिसके माध्यम से मेरे द्वारा बनाई गई ज्वेलरी यूएसए और यूएई व अन्य देशों में भी भेजी जा रही है।
निशा बताती हैं अब में आर्थिक रूप से समृद्ध हूं साथ ही ज्वेलरी बनाने के काम के लिए 15 महिलाओं को रोजगार भी दे रही हूं।आशा करती हूं भविष्य मैं अगर और बेहतर कर पाई तो मैं अपने काम को और आगे तक ले जा पाऊंगी। मैं आज सभी महिलाओं से कहूंगी आगे बढ़ने के लिए डिजिटल शिक्षा के प्रति जागरूक होना जरूरी है जिससे छोटे छोटे शहर और गांव का हुनर दूर-दूर तक पहुंचाया जाए।

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