बीकेटी लखनऊ,धन की कमी बताकर विकास न होने की बात तो अक्सर अधिकारियों के मुंह से सुनी जाती है लेकिन पैसा भरपूर होने के बाद भी विकास न होने का मामला वास्तव में चौंकाने वाला है। विश्वास नहीं होता तो जरा गौर करें।
बीकेटी ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत पारा के प्रधान व सचिव की लापरवाही के चलते यहां पर एक दशक से विकास तक नहीं पहुंचा है। यहां के ग्रामीण अव्यवस्थाओं के बीच जीने के लिए विवश हैं। यहां पर गंदगी का बोलबाला नालियों का कहीं अता पता तक नहीं है तथा अन्य खामियों के चलते यह पंचायत नरक पंचायत बनकर रह गई।
क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों ने बताया कि सचिव व प्रधान की अकर्मण्यता व हठधर्मिता के कारण यह पंचायत विकास से कोसों दूर है। यहां के ऊबड़ खाबड़ मार्ग मार्गो पर बहता हुआ गंदा व बदबूदार पानी पंचायत व मार्गों पर बिखरा हुआ कूड़ा करकट प्राथमिक विद्यालय के निकट मार्गो पर बहता पानी तथा इस गंदे पानी में होकर नन्हे मुन्ने बच्चे स्कूल जाना होता है। यह बच्चे पानी में फिसल जाते हैं और चोटिल हो जाते हैंऋ इस पंचायत में गंदगी का अंबार है। सफाई कर्मी के न आने की वजह से गंदगी से यहां के ग्रामीणों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। एक दशक से इस पंचायत का विकास तक नहीं हुआ है ।
इस पंचायत की आबादी लगभग 3000 से अधिक है। यहां अल्पसंख्यक लोगों का बाहुल्य है पर यह पंचायत विकास के लिए तरस रही है। यहां की विकास की सारी योजनाएं मात्र कागज में सिमट कर रह गई हैं चाहे उज्जला योजना हो मनरेगा शौचालय व प्रधानमंत्री आवास योजना चाहे सुमंगला योजना तथा यह सारी योजनाएं एक कागज के पिटारे में बंद हैं। इससे संबंधित आला अफसर मूक दर्शक बने हुए हैं। नागरिकों का कहना है कि जब तक सरकार इन योजनाओं को कारगर ढंग से लागू नहीं करेगी तब तक इन योजनाओं से आम आदमी अछूता रहेगा और ग्रामीण इन समस्याओं से जूझते रहेंगे ग्रामीणों का कहना है कि इस पंचायत के विकास के दिन कब बहुरेंगे।