रिपोर्ट, गुरूप्रीत सिंह
सिधौली सीतापुर,इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) में सïट्टेबाजी का खेल फिर शुरू हो गया है। मोबाइल फोन पर ऑनलाइन एप पर हर बॉल, ओवर से लेकर मैच में हार व जीत पर करोड़ों का दांव लग रहा है। इसमें युवा वर्ग सबसे आगे है, कई युवा कारोबारी, इंजीनियर और ग्र्रेजुएट छात्र भी पैसों के लालच में इस खेल में शामिल हो रहे हैं।
ऑनलाइन एप पर सïट्टेबाजी का खेल चलने से पुलिस के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं। एप पर कोई व्यक्ति सट्टेबाजी कर रहा है, या फिर मैच देख रहा है। यह पकडऩा आसान नहीं है।बीते दिनों सटोरियों को गिरफ्तार करने के बाद सट्टेबाजी की जड़ें खंगालनी शुरू कर दी थी। बता दें कि पिछले दो सालों में जिला पुलिस अब तक सïट्टा व जुआ खेलने वाले लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इसमें से आइपीएल पर सट्टेबाजी के भी मामले शामिल हैं।
भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी ज्यादा तेजी से बढ़ी है. विदेश से चलने वाले कई ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्म बदस्तूर अपना काम चला रहे हैं. इन पर नकेल कसने के लिए सरकार ने अलग-अलग समय पर कई एडवाइजरी भी जारी की है. एक अनुमान के मुताबिक अकेले में यह ऑनलाइन सट्टा बाजार करीब 10 लाख करोड़ रुपये का है.
क्रिकेट IPL एकबार फिर जारी है और आए दिन सट्टेबाजों को धरे जाने की खबरें भी लगातार आ रही है. देश में सट्टेबाजी अवैध है, लेकिन फिर देश में क्रिकेट सीजन में करोड़ों-अरबों का सट्टा लगता है. अब अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी से इसे पकड़े जाना और मुश्किल हो गया है. अब कोई भी व्याक्ति कहीं पर भी सट्टा लगा सकता है. इस कारण देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है. अलग-अलग रिपोर्टों के अनुसार भारत में सट्टेबाजी का बाजार 10 लाख करोड़ के पार हो चुका है. अगर इस सेक्टर का सही तरीके से दोहन किया जाए तो इससे भारत की अर्थव्यवस्था को बहुत मदद मिलेगी