हरदोई,स्थानीय निकाय निदेशक की गलत नीति के चलते शाहाबाद पालिका अध्यक्ष पद पर चक्रानुक्रम आरक्षण का लाभ दलित और पिछड़ों को नहीं मिला

हरदोई।स्थानीय निकाय निदेशक की गलत नीति के चलते आज़ादी के अमृत महोत्सव काल में भी नगर पालिका परिषद, शाहाबाद को चक्रानुक्रम आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। जिसकी वजह से दलितों और पिछड़ा वर्ग के लोगों में स्थानीय निकाय निदेशक के प्रति असंतोष उत्पन्न हो गया है।
नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गुरुवार को अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की घोषणा हो गई। आरक्षण की घोषणा होते ही चुनावी हलचल तेज हो गई। नए आरक्षण के अनुसार होने वाले चुनाव ने पिछले कई संभावित पिछड़े और दलित उम्मीदवारों को मायूस कर दिया। वहीं कुछ जगह आरक्षण बदल जाने से लोगों को बांछें खिली नजर आईं। आरक्षण जारी होते ही एक बार फिर चुनावी हलचल तेज हो गई है।

गत गुरुवार को घोषित सूची के अनुसार नगर पालिका परिषद हरदोई, शाहाबाद, बिलग्राम व पिहानी का पद अनारक्षित कर दिया गया। पिछली बार शाहाबाद का पद पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित था। वहीं इस बार नगर पालिका परिषद मल्लावां की सीट पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित की गई है। नगर पालिका संडीला, सांडी पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित की गई है। नगर पंचायत गोपामऊ, माधौगंज, पाली तथा कछौना में अध्यक्ष पद के लिए अनारक्षित सीट घोषित की गई है।
वहीं कुरसठ में पिछड़ा वर्ग महिला तथा नगर पंचायत बेनीगंज में अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित किया गया है। आरक्षण की सूची जारी होते ही तमाम उन लोगों के चेहरे खिल गए, जिनको पिछली बार आरक्षण में निराश होना था। सर्वाधिक प्रतिष्ठा की सीट नगर पालिका परिषद शाहाबाद पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित हो गई थी। यहां पर पिछले कई वर्षों से पूर्व विधायक सपा नेता आसिफ खां बब्बू का कब्जा था। इस बार क्षेत्रीय विधायक व मंत्री रजनी तिवारी का निर्वाचन क्षेत्र होने के कारण यह सीट काफी चर्चा में है। पिछली बार आरक्षण पिछड़े वर्ग हो जाने के कारण बब्बू को चुनाव से बाहर होना पड़ रहा था, लेकिन अब यह सीट अनारक्षित हो जाने से बब्बू चुनाव मैदान में फिर उतरेंगे।
हालांकि नगर पालिका की सीमा विस्तार में तमाम ग्रामीण क्षेत्र शामिल हो जाने से यहां के राजनैतिक समीकरण भी बदलेंगे, लेकिन आरक्षण बदलने से एक बार फिर यहां पर संभावित सपा प्रत्याशी आसिफ खां बब्बू अपनी ताल ठोंक सकेंगे, वहीं मंत्री रजनी तिवारी भी बब्बू को पालिका में जाने से रोकने के लिए पूरी ताकत लगा देंगी। यह क्षेत्र भाजपा जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्रा का भी गृह क्षेत्र है, इसलिए शाहाबाद में नगर पालिका का चुनाव विशेष चर्चा में रहेगा। हालांकि इस आरक्षण सूची पर छह अप्रैल को शाम छह बजे तक आपत्तियां भी मांगी गई हैं इसके बाद आपत्तियों का निस्तारण कर आरक्षण की अंतिम सूची जारी की जाएगी।

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