लखनऊ।गांव अलीनगर खुर्द, सरोजनीनगर की महिला अभिभावकों ने प्राथमिक विद्यालय अलीनगर खुर्द में एकत्र होकर नए वर्ष में अपने बच्चों को अपने पड़ोसियों को तथा अपने गांव को नशे से दूर रखने के लिए रणनीति बनाने हेतु बैठक का आयोजन किया।
बच्चों की अभिभावक माताएं गांव अलीनगर खुर्द में बढ़ते अफीम स्मैक ,बीड़ी और दारू के व्यापार से बहुत ही परेशान हैं। आए दिन इन महिलाओं को अपने घरों में लड़ाई झगड़े मारपीट ,अपने पड़ोस में चीखने और चिल्लाने की आवाज सुनाई देना आम बात है, क्योंकि ज्यादातर पुरुष मजदूरी करते हैं या सब्जी बेचते हैं और शाम को जब घर आते हैं तो दिहाड़ी में से आधी की शराब पी लेते हैं या किसी बड़े नशे में खर्च कर देते हैं जो कि झगड़े का कारण बनती है।
कई बार तो बच्चों को फटे कपड़े और फटे स्कूल ड्रेस में कई महीने तक रहना पड़ता है क्योंकि घर में पैसा नहीं बचता । नई ड्रेस दिलाना तो दूर की कौड़ी है एक जोड़ी चप्पल मिलना भी बहुत बड़ी बात है।
कक्षा पांच पास होने के बाद बच्चों को गांव के बाहर पढ़ाई हेतु जाना पड़ता है ।जहां आसानी से नशे के सौदागरों के चंगुल में मासूम बच्चे फस जाते हैं और यही बच्चे बड़े होकर बड़े नशेबाज बन जाते हैं।
नए वर्ष के स्वागत की खुशी और पुराने वर्ष के जाने का दुख सभी को है पर इन दोनों के बीच के आयोजनों में बच्चे नशे से दूर रहें ,इसके लिए जरूरी है कि हम सब मिलकर 31 दिसंबर 2022 की शाम को अपने गांव, अपने मोहल्ले में मशाल जुलूस निकाले या एक दीपक हाथ में लेकर नशे के अंधकार को दूर भगाने के लिए और नए वर्ष के स्वागत के लिए समूह में पैदल मार्च निकाले।
निश्चित रूप से जागरूकता ही वह उपाय है ।जो बच्चों को नशे के हानिकारक चक्रव्यूह में फसने से बचा सकती है ।
हमें प्रत्येक दिन एक नए व्यक्ति को जागरूक करना है बताना है कि नशे से क्या क्या नुकसान है? कैसे बनी बनाई गिरस्ती नशे के चंगुल में फंस कर बर्बाद हो जाती है ?
शिक्षिका रीना त्रिपाठी ने कहा कि आइए मिल कर नशा मुक्त अभियान को आगे बढ़ाए,बहन बेटियों को हत्याचार से बचाये।घर–घर नशा न करने की अलख जगाये।31दिसंबर2022 की विदाई और नए वर्ष2023 का स्वागत पार्टियों में नशे का बहिस्कार करके करें।
आइए मिलकर नशा मुक्त हिन्दुस्तान बनाए।