हरदोई।
शनिवार को एसडीएम पूनम भास्कर ने शाहाबाद तहसील का चार्ज लिया। एसडीएम ने चार्ज लेने के बाद कहाकि जन समस्याओं का निस्तारण उनकी प्राथमिकता होगी। सरकारी कामों में देरी और लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी शिकायतकर्ता अपनी शिकायत लेकर आता है, उसकी समस्या का शीघ्र निस्तारण किया जाए। उन्होंने कहा कि शिकायतों को लंबित करने की परंपरा अब उनके द्वारा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसडीएम ने कहा कि जरूरतमंद की सहायता और पीड़ित को न्याय दिलाना ही उनकी पहली प्राथमिकता है।
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत
एसडीएम पूनम भास्कर ने वार्तालाप के दौरान बताया कि उन्होंने एक के बाद एक मिली असफलता पर हार नहीं मानी। सफलता पाने के लिए कभी बहुत करीब पहुंची तो कभी करीब पहुंचकर असफल हो गई है। वह अपने मिशन में एकलव्य की तरह लगी रही और आखिरकार 6 बार पीसीएस की परीक्षा में असफल होने के बाद जीत हासिल की और अपने सपने को एसडीएम के रूप में चयनित होकर साकार किया है। कहा कि मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। एसडीएम पूनम भास्कर ने दसवीं तक की पढ़ाई कन्या विद्या पीठ इंटर कॉलेज कायमगंज फर्रुखाबाद से की। इंटर की पढ़ाई शकुन्तला देवी बालिका विद्यालय कायमगंज से की। इसके बाद स्नातक शुकन्तला देवी महिला महाविद्यालय कायमगंज से की। भूगोल में परास्नातक उन्होंने डीजी कॉलेज कानपुर से की। एसडीएम पूनम भास्कर के पिता रामअवतार भास्कर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर है। माता विमला भास्कर ग्रहणी है। तीन बहने व दो भाई भी पिता के सपनों को साकार करने में जुटे हुए हैं।
अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए नहीं बनी शिक्षिका
बचपन से ही नीली बत्ती का सपना देखने वाली तेजतर्रार एसडीएम पूनम भास्कर ने शिक्षिका की ट्रेनिंग छोड़ दी। वह अपने लक्ष्य के प्रति केंद्रित रहीं। उन्होंने भूगोल विषय में चार बार नेट की परीक्षा पास की। तैयारी के दौरान ही उन्होंने जेआरएफ भी क्लीयर किया, लेकिन लक्ष्य के खातिर उन्होंने किसी भी विश्वविद्यालय में एनरोलमेंट नहीं कराया। अपने लक्ष्य को पूरा करने में लगी पूनम ने वर्ष 2013 में बेहतर गाइडेंस के लिए मुखर्जी नगर दिल्ली का रूख किया।