समाज में जो अंधकार छाया हुआ है उसको प्रकाश में करने के लिए नंदिनी शिविर की बड़ी भूमिका है:रमेश भइया
बहने रचनात्मक कार्यक्रमों को अपनाकर समाज के सेवा कार्यों का दायित्व संभालें:सुधीर भाई
उज्जैन।
‘अंकित ग्राम’ सेवाधाम आश्रम में अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम के परोक्ष समाजसेवी मास्टर अंकित गोयल के 39वें जयन्ती पर्व पर 39 दिवसीय 32वें वर्षा मंगल महोत्सव ‘‘अंकितग्राम वर्षा मंगल राष्ट्रोत्सव’’ का तीन दिवसीय नंदिनी लोकमित्र राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन सत्र सम्पन्न हुआ जिसमें देश के आए हुए 111 समाजसेवियों को मान पत्र एवं प्रशस्ति पत्र से गांधी-विनोबा के विचारों को जनमानस में प्रवाहित करने हेतु सम्मानित किया गया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम संस्थापक सुधीर भाई ने कहा कि आज इतनी महिलाऐं देश के कोने-कोने से सेवाधाम आश्रम में आ सकती है तीन दिन रूककर नंदिनी लोकमित्र राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग ले सकती है इतनी कल्पना करना हमारे लिए मुश्किल था क्योंकि अकेला आदमी भी कहीं जाने में कई बार सोचता है किन्तु यहां तो झारखण्ड, बिहार, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़ राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, मध्यप्रदेश आदि 15 राज्यों से सुदूर गांवों में सेवा का कार्य करने वाली बहनों के आने से सेवाधाम आश्रम पवित्र हो गया है, हमारी बहनों को सेवा करने का ओर अधिक उत्साह मिला है सेवाधाम का काम सारे देश में नंदिनी बहनों के माध्यम से फैलने की आशा भी बलवति हुई है। आज समाज में जिस प्रकार की समस्याऐं दिख रही है उनका हल विनोबाजी के द्वारा बताई गई स्त्री शक्ति में ही समाहित है। सेवाधाम आश्रम बहनों के अनेक कल्याणकारी प्रकल्प को चला ही रहा है लेकिन लगता है कि अब देश की महिला कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने के लिए और कार्य देने की जरूरत है।
समारोह में नंदिनी शिविर के सूत्रधार रमेश भईया संस्थापक विनोबा सेवा आश्रम, शाहजहांपुर ने कहा कि अधंकार को ना धिक्कारे, अच्छा है दीप जलाए इसी परम्परा को देशभर में बहने निर्वाह करेंगी। इस दृष्टि से तीन दिन का नंदिनी सम्मेलन सफल माना जा सकता है क्योंकि यहां जो बहनों ने संकल्प लिया है उनमें साफ झलकता है जहां-जहां भी समाज में अंधेरा दिखेगा यह नंदिनी बहनें अपनी सेवा का प्रकाश फैलाएंगी। बाबा कहा करते थे कि कितना भी घनघोर अंधेरा हो लेकिन दीपक जलाने से उस स्थान पर तो उजाला हो ही जाता है। अब तक नंदिनी शिविर के माध्यम से हजारों बहनें दिपक बन चुकी है जो कभी ना कभी समाज में रोशनी फैलाने वाले सूर्य को अवकाश अवश्य देंगी, मातृ शक्ति पौषण-सृजन और रचना की प्रतीक है, समाज को इन तीनों आयामों की जरूरत है। समारोह की अध्यक्षता श्रीमती कांता भाभी, विमला बहन ने की एवं इस अवसर पर अनेक राज्यों से आए प्रतिभागियों ने शिविर के बारे में अपने-अपने विचार रखे।
समारोह में महाराष्ट्र से आए राष्ट्र संत श्री तुकड़ोजी महाराज के अनुयायियों द्वारा सुधीर भाई एवं श्रीमती कांता भाभी का शाल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। तीन दिवसीय शिविर में नित्य प्रभात फेरी, प्रातःकालीन भजन, सामूहिक श्रमदान, स्वयं की स्वच्छता, सर्कल, आश्रम भ्रमण, वृक्षारोपण के साथ अनेक महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए संकल्प लिए गए। शिविर का आयोजन सुधीर भाई के निर्देशन में किया गया, आवास एवं भोजन विभाग श्रीमती कांता भाभी, गोरी गोयल एवं मोनिका गोयल के साथ सेवाधाम के सेवा सारथियों में प्रकाश पाटीदार, रूपाली पाटीदार, शैलेंद्र कुमावत, जितेन्द्र चैहान, सहित आश्रम की टीम शाहरूख (राम), आकाश, सुमित, अशोक, कान्हा, ज्योति, अवन्तिका, मुस्कान, रानी, तनु, शकिना, संध्या, सकुड़ी, पूनम आदि ने संभाला।