– महिला नसबंदी के लिए प्रेरित करने में मधु, विनीता और रीता ने मारी बाजी
*सीतापुर*। स्वास्थ्य विभाग की बुनियाद कही जाने वाली आशा कार्यकर्ता परिवार कल्याण कार्यक्रम को मजबूती देने में भी किसी से पीछे नहीं हैं। इन्हीं आशा कार्यकर्ताओं ने महिला नसबंदी के मामले में जिले को प्रदेश में टॉप टेन में स्थान दिलाया तो मंडल में पहला स्थान दिलाने में सफलता प्राप्त की है। वर्ष 2022-23 में जिले में कुल 7,229 महिलाओं ने नसबंदी की सेवा अपनाई। इन सभी महिलाओं के लिए क्षेत्रीय आशा कार्यकर्ताओं ने प्रेरक की भूमिका भी निभाई है।
जिले में सर्वाधिक नसबंदी कराने का श्रेय परसेंडी सीएचसी के मेवा रामनगर स्वास्थ्य उपकेंद्र के ऊंचाखेरा गांव की आशा कार्यकर्ता मधू देवी को जाता है।
मधु देवी ने वर्ष 2022-23 में कुल 32 महिला को प्रेरित कर नसबंदी सेवा अपनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। दूसरे नंबर पर कसमंडा सीएचसी के बम्हेरा स्वास्थ्य उपकेंद्र के लखनापुर गांव की आशा कार्यकर्ता विनीता देवी और तीसरे स्थान पर बेहटा सीएचसी के बिसवां खुर्द स्वास्थ्य उपकेंद्र की रीता वर्मा रही हैं। इन दोनों आशा कार्यकर्ताओं ने क्रमश: 20 और 17 महिलाओं को नसबंदी की सेवा अपनाने के लिए प्रेरित किया।
सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह ने बताया कि महिला नसबंदी या फिर पुरुष नसबंदी इन दोनों मामलों में कोई भी व्यक्ति प्रेरक की भूमिका निभा सकता है। नसबंदी कराने वाला व्यक्ति स्व प्रेरक भी हो सकता है। पुरुष नसबंदी कराने पर प्रेरक को 400 रुपए व महिला नसबंदी कराने पर प्रेरक को 300 रुपए की धनराशि का भुगतान प्रेरक को बैंक खाते के माध्यम से किया जाता है। इसके अलावा नसबंदी की सेवा अपनाने वाली महिला को दो हजार रुपए और पुरुष नसबंदी अपनाने पर संबंधित पुरुष को तीन हजार रुपए का भुगतान प्रोत्साहन राशि के रूप में उसके बैंक खाते के माध्यम से किया जाता है। जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय सहित सभी ब्लॉक स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नसबंदी की सुविधा उपलब्ध है। कोई भी दंपति जिसका परिवार पूरा है अर्थात उसके परिवार में कम से कम एक बच्चा है और वह अपना परिवार सीमित रखना चाहता है तो पति अथवा पत्नी कोई भी नसबंदी सेवा अपना सकता है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रबंधक जावेद खान ने बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में परिवार नियोजन सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हर माह की 21 तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर लक्षित दंपति की काउंसलिंग करते हुए उन्हें परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधनों की जानकारी दी जाती है। अस्थायी साधनों के लिए दंपित को बाॅस्केट ऑफ च्वॉइस की जानकारी देते हुए उन्हें कंडोम व खाने की गोलियाें की जानकारी दी जाती है और उन्हें मनपसंद साधन का वितरण भी किया जाता है।