अलीगढ़।सांस्कृतिक एवं साहित्यिक प्रकोष्ठ ए.सी.एन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट ने “कारगिल विजय दिवस” के अवसर पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया।
सांस्कृतिक एवं साहित्यिक सेल के प्रमुख विकास सारस्वत ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि
पाकिस्तान के साथ 1999 के संघर्ष में भारत की जीत को चिह्नित करने के लिए प्रतिवर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। यह दिन गहन और लंबे युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों द्वारा की गई बहादुरी और बलिदान का सम्मान करता है।
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मुख्य वक्ता एसीएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट के निदेशक डॉ. एम. वसी बेग ने कहा कि 1998-1999 की सर्दियों के दौरान, पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार करने और कारगिल, लद्दाख क्षेत्र के द्रास और बटालिक सेक्टरों में एनएच 1 ए की अनदेखी करने वाले गढ़वाले स्थानों पर कब्जा करने के लिए सैनिकों को गुप्त रूप से प्रशिक्षित और तैनात किया। उनका उद्देश्य क्षेत्र में सैन्य और नागरिक दोनों आंदोलनों पर नियंत्रण हासिल करना था।कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के 527 सैनिक शहीद हो गए। यह संघर्ष 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ, जब पाकिस्तानी सेना को अपने कब्जे वाले स्थान से पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा, जो भारत की जीत का प्रतीक था। तब से, युद्ध के दौरान सैनिकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को सम्मानित करने और याद करने के लिए इस दिन को कारगिल युद्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अंत में रवीन्द्र पाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।