अटरिया, बिना परमिट आबादी की जमीन में प्रतिबंधित पेड़ों के कटान से नाराज प्रधान पति ने दी तहरी

( रिपोर्ट, ब्यूरों रिपोर्ट )

अटरिया सीतापुर जनपद की तहसील सिधौली के अटरिया थाना क्षेत्र के गोधना ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान पति सिराजुद्दीन ने तहरीर देते हुए शिकायत की है कि गोदना ग्राम पंचायत के गढ़ी के निवासी कमल सिंह के द्वारा आम एवं जामुन के प्रतिबंधित पेड़ों को बिना परमिट के ठेकेदारों के माध्यम से कटवा दिया गया है शिकायत में कहा गया कि उक्त प्रतिबंधित पेड़ों का कटान वन माफिया सईदुररहमान पुत्र रफी निवासी गोधना एवं प्रवीण सिंह उर्फ गोलू सिंह पुत्र चंदू सिंह निवासी नई गढ़ी माजरा धरावा थाना अटरिया के द्वारा अवैध तरीके से काट लिए गए हैं प्रधान पति सिराजुद्दीन ने ग्राम पंचायत के लेखपाल को बुलाकर पैमाइश करने के बाद अटरिया पुलिस को लिखित तहरीर देते हुए विक्रेता कमल सिंह सहित उक्त वन माफियाओं के विरुद्ध सख्त सख्त कार्रवाई कार्यवाही किए जाने की अपील की है

बिना अनुमति नहीं काटे जा सकेंगे 29 प्रजातियों के पेड़

  • हर वृक्ष के बदले लगाने होंगे 10 पौधे, पहले 6 प्रजातियां थीं प्रतिबंध के दायरे में

अब निजी जमीन पर भी अब पेड़ काटना आसान नहीं होगा।

कैबिनेट ने प्रतिबंधित श्रेणी के वृक्षों की संख्या बढ़ाकर 6 से 29 कर दी है। इन वृक्षों को काटने के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी होगी। अनुमति के लिए आवेदन ऑनलाइन किए जा सकेंगे।

25 अक्टूबर और 31 अक्टूबर 2017 को अधिसूचना जारी करते हुए सरकार ने 62 जिलों में आम, नीम, साल, खैर और महुआ और 13 जिलों में सागौन को छोड़कर निजी जमीन पर लगेबाकी वृक्षों को अनुमति के दायरे से बाहर कर दिया था। इन छह प्रजातियों के वृक्षों को काटने के लिए वन विभाग से अनुमति जरूरी थी। इसकी अनुमति तभी दी जा सकती थी जब ये वृक्ष सूख गए हों, किसी व्यक्ति या संपत्ति के लिए खतरा पैदा हो गया हो या विकास योजनाओं के लिए काटना जरूरी हो। हालांकि, इस आदेश पर एनजीटी ने रोक लगा दी थी। अब सरकार ने आदेश बदलने हुए पेड़ काटने के नियम और कड़े कर दिए हैं।

बीते साल सोमवार को कैबिनेट ने यूपी वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 के प्रावधानों में बदलाव करते हुए प्रतिबंधित श्रेणी के वृक्षों की संख्या बढ़ाकर 29 कर दी। प्रत्येक वृक्ष के काटने पर दो पौधे लगाने और उनके संरक्षण का प्रस्ताव था, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने पौधरोपण की संख्या बढ़ाकर प्रति वृक्ष 10 कर दी। अगर काटने वाले के पास इतने पौधे लगाने के लिए जमीन नहीं है तो वह वन विभाग को इसके लिए धनराशि जमा करेगा। वन विभाग इस रकम से पौधे लगाकर उनका संरक्षण करेगा।

ये वृक्ष बिना अनुमति नहीं कटेंगे

आम (देशी, तुकमी, कलमी), नीम, साल, महुआ, बीजा साल, पीपल, बरगद, गूलर, पाकड़, अर्जुन, पलाश, बेल, चिरौंजी, खिरनी, कैथा, इमली, जामुन, असना, कुसुम, रीठा, भिलावा, तून, सलई, हल्दू, बाकली/करधई, धौ, खैर, शीशम और सागौन।

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