वित्त मंत्री ने क्षेत्र पंचायत की बैठक में दो दिन में स्ट्रेंथ टेस्ट के बाद कोलाघाट पुल चालू कराने का किया था वादा
15 दिन बाद भी नहीं हो पाया स्ट्रेंथ टेस्ट
क्षेत्रीय जनता में पनप रहा रोष
दिनेश मिश्रा
कलान – शाहजहांपुर
उत्तर प्रदेश कि योगी सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री का दावा खोखला साबित हुआ है। उन्होंने विकासखंड मिर्जापुर की क्षेत्र पंचायत की बैठक में जिला सहकारी संघ के चेयरमैन रमाकांत मिश्रा की मांग पर कोलाघाट पुल का दो दिन में स्ट्रेंथ टेस्ट कराने के बाद फुले चालू कराने की बात कही थी। लेकिन आज 15 दिन बाद भी स्ट्रेंथ टेस्ट नहीं हो पाया और न ही पुल चालू हो सका। जिससे क्षेत्रीय जनता में रोष व्याप्त है।
बता दें कि प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने भाजपा जिला महामंत्री एवं नवनिर्वाचित जिला सहकारी संघ के चेयरमैन रमाकांत मिश्र की कोलाघाट पुल चार पहिया वाहनों के लिए खोले जाने की मांग पर कहा कि इस पुल के बन्द होने से जनता बहुत परेशान है। वे खुद बॉइक से कोलाघाट पुल पार करके यहां आये हैं। एक-दो दिन में ही पुल की स्ट्रेंथ टेस्ट करवाकर चार पहिया वाहनों को चालू करवा दिया जायेगा।
कैबिनेट मंत्री ने मिर्ज़ापुर ब्लॉक सभागार में 15 जुलाई को आयोजित क्षेत्र पंचायत की बैठक को सम्बोधित करते हुए भरी सभा में कहा था कि एक दो दिन में ही कोलाघाट पुल की स्ट्रेंथ टेस्ट करवाकर चार पहिया वाहनों के लिए चालू करवा दिया जाएगा।कोलाघाट पुल चालू करवाये जाने की घोषणा के समय ब्लॉक सभागार में प्रधानों,वीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों के साथ ही बड़ी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक मौजूद थे।
बताते चलें कि 5 जुलाई को जिला पंचायत सदस्य राम कुमार राठौर के नेतृत्व में कांग्रेस, किसान यूनियन,बार एसोसिएशन,आम आदमी पार्टी, समेत कई संगठनों एवं दर्जनों जनप्रतिनिधियों ने धरना प्रदर्शन कर भूख हड़ताल भी की थी।
लेकिन नतीजा शून्य रहा।
ज्ञात हो कि बसपा और सपा के कार्यकाल में 43 करोड रुपए की लागत से रामगंगा और बहगुल नदियों पर बना कोलाघाट का लगभग 1800 मीटर लंबा पुल 29 नवंबर 2021 की मध्यरात्रि के बाद एक पिलर जमीन में धंसने के कारण पुल का एक हिस्सा धराशाई हो गया था। हालांकि गनीमत रही की मध्यरात्रि के बाद का समय होने के कारण कोई जनहानि नहीं हुई।
जिसके बाद लगभग 6 करोड़ पचास लाख रुपए की लागत से पुल की मरम्मत कराई गई थी।
लेकिन मरम्मत होने के उपरांत केंद्रीय पुल अनुसंधान एवं जांच विभाग की रिपोर्ट के बाद कोलाघाट पुल भारी वाहनों के आवागमन हेतु उपयुक्त नहीं पाया गया। जिस कारण चार पहिया और भारी वाहनों के लिए यातायात बंद कर दिया गया था। दोपहिया वाहनों को सिर्फ आने जाने की छूट दी गई। इसके बाद दोनों नदियों पर अस्थाई पैंटून पुल बनाया गया।लेकिन बरसात के कारण 25 जून को पैंटून पुल हटा दिया गया।जिस कारण कलान, मिर्जापुर क्षेत्र के लगभग पांच लाख से अधिक लोगों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया।ऐसे में अब लोगों को वाया फर्रुखाबाद जनपद होकर जलालाबाद, शाहजहांपुर जाना पड़ता है।
वहीं वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के दो दिन में स्ट्रेंथ टेस्ट के बाद पुल चालू कराए जाने के संबंध मे जिला पंचायत सदस्य राम कुमार राठौर ने कहा कि भाजपा सरकार जुमले बाजों की सरकार है। भाजपा के नेता अपने किए वादों पर खरा नहीं उतरते हैं।
उधर जब कोलाघाट पुल स्ट्रेंथ टेस्ट के संबंध में उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर विजेंद्र मौर्या से उनके मोबाइल फोन पर जानकारी करने का प्रयास किया। तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।