हरदोई (स्वतंत्र खबर संवाददाता, अम्बरीष कुमार सक्सेना) अटेवा पेंशन बचाओ मंच के जिलाध्यक्ष डा. जैनुल खान ने कहा कि
09 अगस्त से निजीकरण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। उसी क्रम में पुरानी पेंशन के साथ आंदोलन को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने दलील दी कि देश के कई राज्यों ने अपने यहां पुरानी पेंशन की घोषणा कर दी है। ऐसे में यूपी समेत तमाम राज्य जहां अभी नई पेंशन नीति चल रही है। उसको बदलने के लिए हम आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
30 अगस्त तक सांसद के घर की बजाओ घंटी अभियान चलाया जाएगा।तत्पश्चात
01 अक्टूबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में पेंशन शंखनाद रैली होगी।
श्री खां ने बताया कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है। कई राज्यों में बातचीत चल रही है। जिन राज्यों ने अपने ही पुरानी पेंशन का ऐलान किया है, उन सभी जगह पर गैर बीजेपी सरकार है। केंद्र के स्तर पर भी कर्मचारी संगठन साझा आंदोलन चलाने की तैयारी कर रहे हैं।
उनका आरोप है कि नई पेंशन नीति धोखा है। हर राज्य को अपने यहां पुरानी पेंशन लागू करने का अधिकार है। योगी आदित्यनाथ इसकी पैरवी कर चुके हैं। इस आधार पर यूपी में भी पुराने पेंशन नीति उनको लागू कर देनी चाहिए। इससे लाखों कर्मचारियों को राहत मिलेगी। नई पेंशन में रिटायर होने के बाद लोगों को 2 से 5 हजार रुपए तक पेंशन मिलता है। जबकि पुराने में लोगों को सैलरी का 50 फीसदी मिलता है। उसके बाद वह बढ़ता ही जाता है।”
ब्लॉक अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह की अगुवाई में कई माध्यमिक विद्यालयों व संकुलों का दौरा किया गया तथा पेंशन बहाली के आंदोलन के संघर्ष में साथ आने की अपील की गई।
दौरे में जिले से जिलामहामंत्री सायुज्य मिश्रा, मीडिया प्रभारी राजीव कुमार तथा आदि मौजूद रहे।आज जिन विद्यालयों का भ्रमण किया गया , उनमें राष्ट्रपिता म्यु.इण्टर कॉलेज शाहाबाद,नेहरू म्यु.कन्या इण्टर कॉलेज शाहाबाद,राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज टोडरपुर, आशुतोष उ.मा.विद्यालय सहादतनगर आदि प्रमुख रहे। पुरानी पेंशन बचाओ आंदोलन में सहभागिता के लिए शिक्षिका सरिता रानी, वैशाली यादव, वंदना दीक्षित, रुचि पांडेय, वर्तिका शुक्ला, ऊषा देवी, पुष्पांजली श्रीवास्तव आदि ने हुंकार भरी।इस अवसर पर प्रधानाचार्या नूरुल हुमा मौजूद रहीं।