सिर्फ सजा और जुर्माने मे हुई है बढ़ोतरी
रिपोर्ट, नरेश गुप्ता
Hit and Run new law : विरोध करने वाले ड्राइवरों का तर्क है कि टक्कर के बाद अगर वे भागते हैं तो उन्हें नए कानून के तहत सख्त सजा मिलेगा और अगर वे रुकते हैं तो मौके पर मौजूद भीड़ उन पर हमला कर सकती है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति मिलने के बाद भारतीय न्याय संहिता 2023) अब कानून बन चुका है. आने वाले समय में इसके नए प्रावधान इंडियन पीनल कोड (IPC) के पुराने कानूनों की जगह ले लेंगे. लेकिन इसके एक प्रावधान को लेकर अभी से विरोध शुरू हो गया है. इस विरोध का कारण है हिट एंड रन (Hit and Run) का नया कानून. नया कानून कहता है कि अगर सड़क दुर्घटना (Road Accident) में किसी की मौत हो जाती है और गाड़ी चालक मौके से फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा.
कई राज्यों में ट्रक चालक इस नए कानून का विरोध कर रहे हैं. कुछ जगहों से चक्काजाम, अराजकता और पुलिस की ओर से हल्के बल प्रयोग की भी खबरें आई हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि हिट एंड रन को लेकर नया कानून क्या कहता है, पुराना कानून क्या था, इसे लेकर विरोध क्यों हो रहा है और ट्रक ड्राइवरों का यह विरोध कितना जायज़ है.
क्या होता है ‘हिट एंड रन’?
ऐसे मामले जिनमें गाड़ी की टक्कर के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो जाता है, उन मामलों को ‘हिट एंड रन’ केस माना जाता है. हिट एंड रन के मामलों में कई बार घायल शख्स को अगर समय रहते अस्पताल पहुंचाने या प्राथमिक इलाज मिलने पर बचाया भी जा सकता है. पुराने कानून के मुताबिक हिट एंड रन केस में दो साल की सजा का प्रावधान था और जमानत भी मिल जाती थी.
क्या कहता है नया नियम?
नया नियम कहता है कि अगर सड़क दुर्घटना के बाद गाड़ी चालक पुलिस को टक्कर की सूचना दिए बिना मौके से फरार होता है तो उसे 10 साल की जेल और जुर्माना देना पड़ेगा. कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर इसका विरोध कर रहे हैं. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल और चक्काजाम कर दिया है.न सिर्फ ट्रक ड्राइवर बल्कि बस, टैक्सी और ऑटो चालक भी इसका विरोध कर रहे हैं. नए नियम निजी वाहन चालकों पर भी समान रूप से लागू होंगे. उनका कहना है कि नए कानून के प्रावधान कुछ ज्यादा ही सख्त हैं. इन्हें नरम किया जाए.
क्यों सख्त किया गया कानून?
आंकड़ों पर नजर डालें तो नए कानून की सख्ती का कारण समझ आता है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि हिट एंड रन के मामलों में हर साल 50 हजार लोग जान गंवाते हैं. विरोध करने वाले ड्राइवरों का तर्क है कि टक्कर के बाद अगर वे भागते हैं तो उन्हें नए कानून के तहत सख्त सजा मिलेगा और अगर वे रुकते हैं तो मौके पर मौजूद भीड़ उन पर हमला कर सकती है. अक्सर सड़क दुर्घटना के मामले में मौके पर मौजूद भीड़ उग्र हो जाती है और गाड़ी चालक पर हमला कर देती है. कई बार यह हिंसक भीड़ सिर्फ पिटाई तक नहीं रुकती और मामला मॉब लिंचिंग का रूप ले लेता है.
जानिए नया हिट एंड रन
कानून क्या है और पुराना क्या था. साथ ही देशभर में ड्राइवर क्यों इसका विरोध कर रहे हैं
हाल ही में संसद में केंद्र सरकार ने नया हिट एंड रन विधेयक पास किया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की भी इस बिल को मंजूरी मिल चुकी है.भारतीय न्याय संहिता के तहत अब ये नया कानून बन गया है.
इसमें जो प्रावधान जोड़े गए हैं उसका जगह-जगह पर विरोध किया जा रहा है.
हिट एंड रन केस में अगर ड्राइवर एक्सीडेंट के बाद मौके से फरार हो जाता है और उस हादसे में किसी की मौत हो जाती है ऐसे में ड्राइवर को दस साल की सजा दी जा सकती है. इसके अलावा जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इसी का विरोध जगह-जगह किया जा रहा है.
हिट एंड रन पुराना कानून क्या था
दुर्घटना के बाद ड्राइवर का गाड़ी के साथ मौके से भाग जाना हिट एंड रन का मतलब है. किसी गाड़ी चालक द्वारा किसी को टक्कर मार दी जाती है और घायल की मदद करने के बजाय ड्राइवर गाड़ी को लेकर भाग जाता है तो ऐसे केस हिट एंड रन में काउंट किया जाता है. पहले हिट एंड रन कानून के मुताबिक ड्राइवर को जमानत भी मिल जाती थी और ज्यादा से ज्यादा 2 साल की सजा का प्रावधान था. हालांकि कुछ केस में ड्राइवर से अगर एक्सीडेंट होता है तो ड्राइवर भागने की बजाय घायल की मदद करते हैं और उन्हें अस्पताल पहुंचा देते हैं लेकिन ऐसा मात्र कुछ केस में ही देखा गया है. इसलिए इस कानून में सख्ती कर दी गई है.
क्या है हिट एंड रन नया कानून
अब नए हिट एंड रन कानून के मुताबिक गाड़ी ड्राइवर हादसे के बाद पुलिस को सूचना दिए बिना मौके से फरार हो जाता है तो पकड़े जाने पर उसे 10 साल की सजा होगी साथ ही 7 लाख का जुर्माना वसूला जा सकता है. जगह-जगह इस कानून के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है. दुर्घटना के आंकड़े की माने तो हिट एंड रन के मामलों में हर साल देश में 50 हजार लोगों की मौत होती है. इसी कारण कानून में सख्ती की गई है.
क्यों कर रहे ड्राइवर हिट एंड रन कानून का विरोध
विरोध करने वाले ड्राइवर्स का कहना है कि दुर्घटना के बाद अगर वह मौके से फरार होते हैं तो उन्हें 10 साल की सजा हो सकती है और यदि वह मौके पर ही रुकते हैं तो मौजूदा भीड़ उन पर हमला कर सकती है.ड्राइवरों व बस मालिकों का कहना है कि कि केंद्र सरकार की ओर से हिट एंड रन कानून में बदलाव किया गया है. नए बदलाव के तहत अब 7 लाख का जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. ड्राइवरों को समय पर वेतन नहीं मिलता. ऐसे में इस तरह के कानून और परेशानी बढ़ाने वाले हैं. हिट एंड रन कानून में संसोधन के विरोध में ड्राइवरों ने बसों के संचालन नहीं किया.