हरदोई(अंबरीष कुमार सक्सेना)
अज़ब हैरान हूँ भगवन, तुम्हे कैसे रिझाऊं मैं…..भजन से शुरू हुई आठवे दिन की श्रीराम कथा।
अयोध्या धाम से पधारे कथा व्यास सुखनंदन शरण जी महाराज ने श्री राम कथा के आठवे दिन बताया कि आप अगर बच्चों क़ो बचपन में मंदिर ले जाएंगे तभी आपके बच्चे आपको वृद्धावस्था में मंदिर ले जायेंगे। ज़ब आप उनके सामने बचपन में अपशब्द बोलेंगे तो वृद्धावस्था वो आपसे भी वही करेंगे।
उन्होंने बच्चों क़ो अपने आसपास हो रही श्री राम कथा में जाने एवं पूजा पाठ करने सहित मंदिर दर्शन कराने के बारे में बताते हुए संस्कारवान बनाने का संदेश दिया।
श्री महाराज जी ने हर पल तुम्हारी याद आती रहे राघव, तेरी छवि मन क़ो मोहती रहे राघव….भजन के माध्यम से प्रभु से जुड़े रहने का तरीका बताया।
श्री महाराज ने कहा कि अतिथि देवो भव, घर की स्त्रियों का सम्मान, परिवार में एक साथ बैठकर भोजन करने से घर में लक्ष्मी आगमन होता है।
श्रीराम कथा के आठवें दिन प्रभु श्रीरामकथा में माता सबूरी प्रेम प्रसंग एवं सुंदरकांड पाठ का सैकड़ों श्रद्धालुओं ने श्रवण किया।
श्रीराम कथा की शुरुआत कथा के मुख्य यजमान अखिलेश सिंह ने सप्तनीक, रामजानकी मंदिर के मुख्य पुजारी मैथिलीशरण जी ने संयुक्त रूप से पूजन अर्चन के साथ किया।
इस मौके पर भाजपा ज़िला कार्यालय मंत्री अतुल सिंह, वरिष्ठ पत्रकार अम्बरीश सक्सेना, सर्वेश सिंह, अनुज सिंह, अनुराग श्रीवास्तव, गोपाल त्रिपाठी, संजय शुक्ला, भाजपा नेता मुकुल सिंह आशा, मुकेश सिंह, भूमिका सिंह, कर्ण सिंह राणा, मंजू गुप्ता, मोहित कुमार त्रिपाठी, वैष्णवी त्रिपाठी, अवनीश सिंह, आदित्य सिंह आदि सैकड़ो रामभक्त मौजूद रहे।