प्रत्येक मौसम में सत्र के दिन सुबह सात बजे तक पहुंच जाना होता है कोल्ड चेन
समुदाय तक सुरक्षित और असरदार टीकों की उपलब्धता कर रहे हैं सुनिश्चित
गोरखपुर, 30 दिसम्बर 2022
समुदाय तक सुरक्षित, असरदार और गुणवत्तायुक्त सरकारी अस्पताल के टीके पहुंचाने में कोल्ड चेन की अहम भूमिका होती है और इस चेन को एक मुस्तैद सिपाही की तरफ संचालित करते हैं यहां के टीकाकरण अधिकारी (आईओ) । ऐसे ही टीकाकरण अधिकारी हैं पिपरौली ब्लॉक के अरूण कुमार गौतम और ब्रह्मपुर ब्लॉक के संतोष कुमार शुक्ला, जिनकी सक्रियता की मिसाल दी जाती है । सर्दी, गर्मी हो या फिर बरसात, सत्र के दिन आईओ को सुबह सात बजे तक कोल्ड चेन पहुंचना अनिवार्य है ।
पिपरौली ब्लॉक के आईओ अरूण कुमार गौतम (36) ने वर्ष 2016 में कोल्ड चेन की जिम्मेदारी संभाली थी। वह बताते हैं कि समय से वैक्सीन उपलब्ध कराना उनके कार्य का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। कोविड टीकाकरण अभियान के दौरान यह सुनिश्चित करने के लिए दिन रात काम करना पड़ता था। इस समय बुधवार और शनिवार को सुबह सात बजे तक कोल्ड चेन पहुंच कर सुबह नौ से साढ़े नौ के बीच तक सभी एएनएम को टीके उपलब्ध कराने होते हैं । शाम को वापसी के बाद बचे हुए टीकों को सुरक्षित तरीके से आईस लाइन रेफ्रिजरेटर (आईएलआर) में रखना होता है। कुछ टीके खुलने के चार घंटे बाद एक्सपायर हो जाते हैं तो उन्हें प्रक्रिया के अनुसार अलग करके नष्ट करना होता है।
पिपरौली ब्लॉक की एएनएम अंकिता राय (36) बताती हैं कि सत्र स्थल पर समय से और गुणवत्तायुक्त टीके पहुंचे इसमें टीकाकरण अधिकारी की अहम भूमिका है । उन्हें पिपरौली सीएचसी से हमेशा समय से टीके मिले हैं, जिससे वह सत्र पर समय से पहुंच पाती हैं । ब्लॉक के प्रोग्राम मैनेजर राजगौरव सिंह का कहना है कि अधीक्षक शिवकांत मिश्र समय समय पर कोल्ड चेन का स्वयं निरीक्षण करते हैं और आईओ के प्रयासों से कभी टीके की कमी नहीं होने पाई है । ऑनलाइन एंट्री में भी आईओ बेहतर कार्य कर रहे हैं।
ब्रह्मपुर ब्लॉक के आईओ संतोष कुमार शुक्ला (52) बताते हैं कि कोल्ड चेन का कार्य तीर्थ स्थल जैसा सुख देता है। इस कार्य में निजी जीवन तो बुरी तरह से प्रभावित होता है लेकिन इस बात का संतोष है कि हमारे प्रयासों से शुद्ध टीके बच्चों, किशोर-किशोरियों और गर्भवती तक पहुंच रहे हैं और बीमारियों से उनकी रक्षा हो रही है। सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण कोविड टीकाकरण अभियान का समय रहा है, जब भोर में ही आना होता था। एक टीकाकरण अधिकारी जब ड्यूटी के बाद घर जाता है तब भी उसे ईविन एप के जरिये तापमान, स्टॉक आदि पर नजर रखनी होती है। टीके जब मिनिमम स्टॉक तक पहुंचते हैं तभी आर्डर देना होता है ताकि टीके कभी घटने न पाएं। वैक्सीन कैरियर में टीके देने से पहले आईस पैक का तामपान दो से आठ डिग्री के बीच करना पड़ता है । खुलने के बाद चार घंटे में खराब होने वाले टीकों की विशेष निगरानी करनी होती है और उन पर डेट और खुलने का समय भी अंकित करना होता है ।
बेहतरीन है योगदान
स्वयंसेवी संस्था यूएनडीपी के प्रतिनिधि पवन कुमार सिंह बताते हैं कि जिले के सभी कोल्ड चेन पर तैनात आईओ समर्पण के साथ काम कर रहे हैं लेकिन ब्लॉक क्षेत्र में अरूण और संतोष की भूमिका व फीडबैक काफी अच्छा रहा है। ऑनलाइन एंट्री में अरूण काफी बेहतर हैं । आईओ के प्रयासों से समुदाय को मिल रहे टीके बच्चों की बारह प्रकार की बीमारियों से रक्षा करते हैं।
पांच साल में सात बार टीका अवश्य लगवाएं
सरकार सुरक्षित और असरदार टीके उपलब्ध करवा रही है और इसमें कोल्ड चेन की अहम भूमिका है । जिले के अस्सी फीसदी कोल्ड चेन ए श्रेणी के हैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा और डीवीसीएम राजेश विश्वकर्मा द्वारा कोल्ड चेन का नियमित पर्यवेक्षण होता है। लोगों को बच्चे के जन्म से पांच वर्ष की आयु तक सात बार सरकारी अस्पताल से टीकाकरण अवश्य करवाना चाहिए ताकि आईओ से लेकर एएनएम तक जो श्रम कर रहे हैं वह सार्थक हो सकें।
डॉ आशुतोष कुमार दूबे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी