शाहजहांपुर, प्रधान की मनमानी के चलते केयरटेकर को नहीं मिला 19 माह से मानदेय,लगायी उच्चाधिकारियों से गुहार

जिलाधिकारी से तथा सम्पूर्ण समाधान दिवस में भी कर चुकी है शिकायत

दाने-दाने को मोहताज है केयरटेकर

प्रधान,डीपीआरओ कह रहे इस्तीफा दो भुगतान करा दूंगा

दिनेश मिश्रा


कलान-शाहजहांपुर
प्रधान की मनमानी के चलते दलित महिला केयरटेकर को 19 माह से मानदेय नहीं दिया गया। महिला केयरटेकर और उसके पति ने जिला अधिकारी शाहजहांपुर उमेश प्रताप सिंह से दिनांक 18 अगस्त 2023 को शपथ पत्र देकर शिकायत कर मानदेय दिलाने की गुहार लगाई थी।जिला अधिकारी ने जांच कर आवश्यक कार्रवाई हेतु एसडीएम कलान को निर्देशित किया।इसके बाद संपूर्ण समाधान दिवस में दिनांक 1 जुलाई 2023 को भी शिकायती पत्र दिया।अन्य कई उच्चाधिकारियों से मानदेय दिलवाने की गुहार लगाई है।केयरटेकर दाने-दाने और कपड़ों तक के लिए मोहताज है।महिला केयरटेकर ने उपायुक्त स्वत: रोजगार शाहजहांपुर को भी दिनांक 6 जून 2021,प्रभारी अधिकारी आइजीआरएस 28 जून 2023, जिला पंचायत राज अधिकारी को 22 सितंबर 2021, उसके बाद पुनः जिला पंचायत राज अधिकारी को 4 अक्टूबर 2021,को लिखित रूप से शिकायत की।इतना ही नहीं महिला केयरटेकर और उसके पति ने राज्यसभा सांसद मिथिलेश कुमार कठेरिया को 6 जुलाई 2023,विधान परिषद सदस्य शाहजहांपुर पीलीभीत डॉ० सुधीर गुप्ता 21 अप्रैल 2023,कटरा विधानसभा के विधायक वीर विक्रम सिंह “प्रिंस”को 26 मार्च 2023 तथा 31 जुलाई 2023 के लेटर पैड पर भी शिकायत उच्च अधिकारियों को भेजी गई। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि अभी तक महिला केयरटेकर का मानदेय और मेंटिनेंस का पैसा उसके खाते में नहीं पहुंच सका। महिला ने बताया कि विकास भवन में जिला पंचायत राज अधिकारी और गांव में ग्राम प्रधान कह रहे हैं कि पैसा लगा दूंगा लेकिन आपको इस्तीफा देना पड़ेगा।
दर असल पूरा मामला विकासखंड कलान की ग्राम पंचायत बहंगी खेड़ा का है।जहां सभी औपचारिकतायें पूर्ण करने के बाद आस्था महिला स्वयं सहायता समूह का चयन सामुदायिक शौचालय हेतु किया गया।समूह की सचिव विमलेशा देवी पत्नी सत्यवीर को केयरटेकर बनाया गया।जिस समय समूह का चयन किया गया।इस दौरान सचिव नागेंद्र सिंह और प्रधान शिवकुमार के संयुक्त डोंगल से 27000 रुपए की धनराशि गंगा स्वयं सहायता समूह में भेजी गई। दिनांक 8 जुलाई 2021 को अनुबंध पत्र भी बना और महिला को अनुबंध पत्र उपलब्ध करवाया गया।उस समय तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी(पंचायत) धनराज पटेल और ग्राम पंचायत के सचिव नागेंद्र सिंह थे। प्रधान शिवकुमार, सचिव नागेंद्र सिंह के संयुक्त डोंगल से तीन माह का मानदेय दिनांक 1 जनवरी 2022 को उसके खाते में लगा दिया गया। इसके बाद ग्राम पंचायत सचिव पंकज पाल को मिली। फिर भी तीन माह का मानदेय दिनांक 19 अक्टूबर 2022 प्रधान शिवकुमार और सचिव पंकज पाल के संयुक्त डोंगल से भुगतान किया गया।
जनप्रतिनिधियों के लेटर पैड और जिला अधिकारी के आदेश के बाद दिनांक 29 मई 2023 को वर्तमान ग्राम पंचायत अधिकारी पंकज श्रीवास्तव ने 5 माह की धनराशि हेतु डोंगल लगा दिया। लेकिन ग्राम प्रधान ने डोंगल लगाने से इनकार कर दिया।
इसके बाद फिर शिकायत की गई तो खण्ड विकास अधिकारी कलान ने प्रभारी अधिकारी आइजीआरएस को प्रेषित अपनी आख्या में लिखा कि ग्राम प्रधान व सचिव को भुगतान हेतु कड़ाई से निर्देशित किया गया। सचिव ने तो डोंगल लगा दिया। लेकिन प्रधान को कई बार निर्देशित करने के बावजूद भी प्रधान द्वारा भुगतान नहीं किया गया है। प्रधान के विरुद्ध कार्रवाई हेतु जिला पंचायत राज अधिकारी को पत्र प्रेषित किया जा चुका है। इसके बावजूद भी प्रधान के विरुद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उधर जब इस संबंध में ग्राम पंचायत बहंगी खेड़ा के प्रधान शिवकुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विमलेशा देवी कार्य नहीं कर रही हैं। इसलिए उनका भुगतान नहीं किया गया। जब उनसे कहा गया कि कार्य तो प्रतिदिन होता है और फोटो भी डेली अपलोड किए जाते हैं। इस पर बात बदलते हुए प्रधान का जवाब था कि विमलेशा देवी का समूह फर्जी है। ग्राम पंचायत का प्रस्ताव भी फर्जी है।ग्राम पंचायत से प्रस्ताव पास नहीं कराया गया।
अब ऐसे में पहला सवाल यह उठता है कि जब ग्राम पंचायत में प्रस्ताव नहीं कराया गया। प्रस्ताव फर्जी है। समूह भी फर्जी है तो प्रधान और सचिव के संयुक्त डोंगल से ही भुगतान होता है।तो क्या प्रधान को यह पता नहीं था कि तीन माह का भुगतान सचिव नागेंद्र सिंह इसके बाद तीन माह का भुगतान सचिव पंकज पाल के कार्यकाल में प्रधान और सचिव के संयुक्त डोंगल से किया गया ? दूसरा सवाल यह है कि जब समुह और प्रस्ताव दोनों फर्जी है तो प्रधान ने डोंगल क्यों लगाया ? यहां यह बताना जरूरी है कि बिना ग्राम पंचायत की प्रशासनिक समिति के प्रस्ताव के बगैर अनुबंध पत्र नहीं मिलता जबकि अनुबंध पत्र विमलेशा देवी को दिया गया।उस पर प्रधान के हस्ताक्षर भी हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि ग्राम पंचायत का प्रस्ताव भी फर्जी समूह भी फर्जी था तो तत्कालीन सचिव नागेंद्र सिंह एवं पंकज पाल तथा ग्राम प्रधान के संयुक्त डोंगल से पैसे का भुगतान क्यों किया गया ?
वैसे सही प्रोसीजर यह है कि पहले ग्राम पंचायत की प्रशासनिक समिति का प्रस्ताव, उसके बाद अनुबंध पत्र,उसके बाद टीसीएनआरएलएम पर मैप,इसके बाद कार्य उसके बाद भुगतान होता है।
अनुबंध पत्र मिलने के बाद ही टीसीएनआरएलएम पर मैप होता है। इतना सब कुछ होता रहा तो क्या प्रधान कुम्भकरण से भी बड़ी नींद में सोते रहे ? क्या तीनों सचिव ने गलत भुगतान के लिए डोंगल लगाया। उच्चिधिकारियों को चाहिए कि इस मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें।जिससे शासन की मंशा के अनुरूप कार्य हो सके।
वहीं विकास खण्ड कार्यालय में बीएमएम के पद पर तैनात संजय मिश्रा से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि आस्था महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा प्रतिदिन कार्य किया जा रहा है और फोटो भी अपलोड किये जा रहे हैं।
उधर जब इस संबंध में तत्कालीन सचिव रहे नागेंद्र सिंह से गंगा स्वयं सहायता समूह में 27000 की धनराशि भुगतान के संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि भूल बस गलती से डोंगल लग गया था। गंगा स्वयं सहायता समूह में भुगतान की गई धनराशि वेबसाइट पर वापस लाना संभव नहीं था।इसलिए भुगतान की गई धनराशि नकद लेकर आस्था महिला स्वयं सहायता समूह को उपलब्ध करा दी गई थी।
केयरटेकर विमलेशा देवी से जब पूछा गया कि आखिर प्रधान आपका भुगतान क्यों नहीं कर रहे हैं ? तो उन्होंने बताया कि गंगा स्वयं सहायता समूह में प्रधान के परिवारीजन जुड़े हैं इसीलिए प्रधान यह चाहते हैं कि मेरा केयरटेकर का पद मुझसे छीन कर अपने पारिवारी जनों को दे सकें। उसने बताया कि मुझे जिला पंचायत राज अधिकारी और प्रधान कह रहे हैं की भुगतान तो हो जाएगा लेकिन अपना इस्तीफा दे दो। ग्राम विकास अधिकारी ने मुझे हटाने के लिए 17 जुलाई 2023 को एक नोटिस दिया है। पूरी खबर पढ़ने के बाद आप अंदाजा लगायें कि कौन सही और कौन गलत है ?
वर्तमान ग्राम पंचायत अधिकारी पंकज श्रीवास्तव से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैंने 5 महीने के भुगतान के लिए डोंगल लगा दिया है लेकिन प्रधान शिव कुमार डोंगल लगाने को तैयार नहीं है।
जिससे यह साफ प्रतीत होता है कि प्रधान अपनी मनमानी पर उतारू है और महिला केयरटेकर को प्रताड़ित कर रहा है।
उधर जब इस संबंध में कलान के खण्ड विकास अधिकारी मनीष दत्त से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच कराकर जांचोंपरांत सत्य तथ्यों के आधार पर दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी।

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