बीकेटी लखनऊ,चकबंदी प्रक्रिया निरस्त कराने की मांग को लेकर किसान आमरण अनशन शुरू शुरू कर सक्ते है। आंदोलन को किसान नेताओं का समर्थन भी मिल रहा है।
बतादे लखनऊ के बिकाश खण्ड बक्शी का तालाब के ग्राम पंचायत शिवपुरी के किसान यहां पर चकबंदी रुकवाने के लिए स्थानीय विधायक पूर्व विधायक व मुख्यमंत्री तथा जिला अधिकारी से गुहार लगाने के बावजूद भी चकबंदी विभाग के आला अफसरों की तानाशाही की वजह से यहां अब तक चकबंदी की कार्यवाही थम नहीं रही है। इससे यहां के किसानों ने इसका कड़ा विरोध जताया है। यदि इस गांव की चकबंदी नहीं निरस्त की गई तो यहां 800 किसानो ने अपने परिवार सहित चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी के यहां आमरण अनशन करने का निर्णय लिया है।
यहां पर 800 किसान हैं। यहां के किसानों ने 2016 में चकबंदी रुकवाने के लिए चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी के यहां गुहार लगाई। एसीओ ने किसानों से वादा किया कि इस गांव की चकबंदी निरस्त कर दी जाएगी। 2019 में यहां के सैकड़ों किसानों ने जिला अधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र दिया। जिलाधिकारी ने चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी को निर्देश दिया कि गांव जाकर जनमत संग्रह करवाया जाए। इस अधिकारी ने जनमत संग्रह करने के बाद 800 किसानों को आश्वासन दिया कि यहां की चकबंदी निरस्त कर दी जाएगी। इस अधिकारी ने 2021 में विधानसभा के चुनाव के बाद फिर से जनमत संग्रह कराया जाएगा फिर भी चकबंदी अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी।
इस गांव के किसान सीताराम प्रधान रामविलास बीडीसी अरविंद रामू संतराम अशोक बीरू रमेश तथा सैकड़ों किसानों के अनेक पापड़ बेलने के बाद भी इस गांव की चकबंदी निरस्त नहीं हो सकी है। पर इस अधिकारी ने किसानों की समस्या को सुनी अनसुनी कर दी।
अब यहां के किसान फिर से मुख्यमंत्री, सांसद व केंद्रीय राज मंत्री कौशल किशोर जिला अधिकारी चकबंदी आयुक्त तथा अन्य अधिकारियों के यहां पर अपनी गुहार लगाएंगे कि इस गांव की चकबंदी निरस्त की जाए। अंततः किसानों के पास एक विकल्प है कि वह आमरण अनशन करने के लिए मजबूर होंगे। जब इस संबंध में चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया इस गांव की चकबंदी निरस्त नहीं होगी।