इटावा,अब खिलखिला रहे हैं गणेश और आयरा_अप्रैल 2022 से अब तक एनआरसी संग कुपोषण से जीती 106 बच्चों ने जंग

बच्चों की सेहत सुधरी तो परिजनों के चेहरों पर भी दिखे संतोष के भाव

इटावा 1 फरवरी 2023।

कुपोषण से जूझती नन्हीं जिंदगियों के लिए जिला अस्पताल का पोषणपुनर्वास केंद्र (एनआरसी) वरदान साबित हो रहा है। नौ माह के अंदर इस केंद्रमें भर्ती होने वाले 106 नौनिहालों को कुपोषण से मुक्ति दिलाई गई है। बच्चेअब स्वस्थ हैं और परिजनों के चेहरों पर संतोष के भाव हैं। इनमें से कुछ ऐसेनौनिहाल थे, जो बेहद गंभीर हालत में यहां भर्ती कराए गए थे।

पोषण पुनर्वास केंद्र पर बच्चों की जाती है विशेष देखभाल

पोषण पुनर्वास केंद्र नोडल अधिकारी डॉ शादाब आलम ने बताया कि पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) पर बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए 24 घंटे बच्चों की विशेष देखरेख की जाती है। बच्चों की विशेष देखरेख के लिए सुबह,शाम बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा बच्चे के स्वास्थ्य का निरीक्षण किया जाता है व चार स्टाफ नर्स, एक केयरटेकर, एक रसोईया को प्रतिनियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया चिकित्सीय उपचार और विशेष पोषण आधारित खानपान हर दो घंटे के अंतराल में बच्चों को दिया जाता है। जिससे बच्चे उचित पोषण पाकर जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएं।

आहार विशेषज्ञ पल्लवी ने बताया कि यदि पोषण पुनर्वास केंद्र पर अति कुपोषित बच्चे को कोई भी गंभीर समस्या या अचानक अस्वस्थ होने पर इमरजेंसी और पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती कराने जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं।

अब खिलखिला रहे गणेश और आयरा

तीन वर्षीय 11 माह के गणेश को आशा प्रतिभा की सलाह पर उसकी माता शारदा देवी (ग्राम-कुनेरा भरथना निवासी) ने जिला अस्पताल आकर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ पी के गुप्ता को दिखाया तो जांच में पाया बच्चा अति कुपोषित है इसीलिए 10 दिसंबर को डॉक्टर की सलाह पर बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया। जब बच्चे को भर्ती कराया गया तब उसका वजन मात्र 7 किलो था और बच्चे को बुखार और दस्त की समस्या भी थी।शारदा ने बताया 14 दिन एनआरसी में बच्चे को रखा गया । इस दौरान बच्चे को डॉ पीके गुप्ता द्वारा उचित उपचार मिला जिससे उसके स्वास्थ्य में सुधार हुआ। उन्होंने बताया विशेष पोषण युक्त आहार से बच्चे के वजन में भी वृद्धि हुई व 24 नवंबर को डिस्चार्ज के समय मेरे बच्चे का वजन 8 किलो 500 ग्राम हो गया। शारदा ने बताया डॉक्टर की सलाह के अनुसार मैंने बच्ची के खान-पान का ध्यान रखा और जब पहला फॉलो अप (23 जनवरी) कराने गई तब बच्चे का वजन 10 किलो 500 ग्राम हो चुका था। शारदा कहती हैं मैं अपने अनुभव से कह सकती हूं यदि बच्चा अति कुपोषित हो तो समय से उसे एनआरसी में अवश्य भर्ती कराएं।

एक वर्षीय आयरा के पिता अफजल (निवासी मकसूद पुरा इटावा) ने बताया कि उनकी बच्ची कई दिनों से बीमार थी निजी चिकित्सालय से दवा लेने पर आराम नहीं मिल रहा था तब जिला अस्पताल आकर उन्होंने डॉ शादाब को दिखाया। अफजल ने बताया डॉक्टर साहब ने अच्छे से बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इसके बाद मुझे व्यक्तिगत रूप से बुलाकर समझाया बच्ची अति कुपोषित है इसलिए 14 दिन एनआरसी में रखते हैं तो बच्ची जल्दी स्वस्थ होगी। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर जब बच्चे को 9 दिसंबर को एनआरसी में भर्ती कराया तब उसका वजन 4 किलो था। जबकि (24दिसंबर)डिस्चार्ज के समय वजन बढ़ कर 5 किलो 100 ग्राम हो गया। अफजल कहते हैं एनआरसी में रहने पर आयरा के स्वास्थ्य में सुधार हुआ। अफजल ने बताया कि भर्ती के दौरान प्रतिदिन ₹50दैनिक भत्ता और निशुल्क भोजन भी मिला व एनआरसी स्टाफ के द्वारा उन्हें जानकारी दी गई बच्चे की प्रत्येक चार बार फॉलोअप के लिए एनआरसी आने पर ₹150 की प्रतिपूर्ति राशि भी प्रदान की जाएगी। अफजल कहते हैं सरकार द्वारा आयरा जैसे कुपोषित बच्चों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में निशुल्क उपचार व बच्चों की विशेष देखभाल तो किसी भी निजी चिकित्सालय में भी इस तरह से नहीं की जा सकती। इसीलिए मैं लोगों से अपील करूंगा जिनके बच्चे अति कुपोषण की श्रेणी में है वह एक बार जिला चिकित्सालय आकर बच्चों को जरूर दिखाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *