हाथरस,पूर्व कैबिनेट मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी के निधन पर महिला एवं बाल कल्याण संगठन ने की शोक सभा

फोटो/: शोक सभा में उपस्थित महिला एवं बाल कल्याण संगठन के पदाधिकारी

हाथरस। उत्तर प्रदेश में कद्दावर नेता के रूप में अपनी पहचान कायम रखने वाले प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी का मंगलवार की शाम निधन हो गया. वह करीब नब्बे वर्ष के थे. गोरखपुर के धर्मशाला बाजार स्तिथ अपने आवास पर उन्होंने अपने जीवन के अंतिम सांस ली। आज बुधवार को जनपद के कस्बा स्थित गांव नगला बैरु में महिला एवं बाल कल्याण संगठन की जिला अध्यक्ष रेखा राना के निवास पर एक शोक सभा की गई जिसमे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी के जीवन पर प्रकाश डाला गया। इस मौके पर महिला एवं बाल कल्याण संगठन की जिला अध्यक्ष रेखा राना ने बताया की वह जेल में रहते हुए निर्दलीय विधानसभा का चुनाव जीतने वाले पहले बाहुबली विधायक थे. पंडित हरिशंकर तिवारी के खाते में प्रदेश के 5 मुख्यमंत्रियों के कैबिनेट में बतौर मंत्री शामिल रहने का रिकॉर्ड दर्ज है. जिसमें कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, मायावती और जगदंबिका पाल शामिल हैं।

पंडित हरिशंकर तिवारी का गोरखपुर विश्वविद्यालय से लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में भी हरिशंकर तिवारी का दखल रहा है. उनके तमाम शिष्य इन विश्वविद्यालयों के अध्यक्ष और महामंत्री के रूप में जाने जाते हैं. ब्राह्मणों के नेता के रूप में तिवारी की पहचान थी और यह उनके नाम के साथ भी जुड़ गया, जिससे लोग उन्हें पंडित हरिशंकर तिवारी कहा करते थे. उनका जन्म गोरखपुर जिले के बड़हलगंज कोतवाली क्षेत्र के टांडा ग्राम सभा में हुआ था. अस्सी के दशक में जब गोरखपुर के क्राइम की चर्चा न्यूयार्क के साथ होती थी तो वह दौर पंडित हरिशंकर तिवारी का था. लेकिन राजनीति का इन्होंने जो जलवा अपराध से जोड़ते हुए बिखेरा उसकी धमक पूरे देश में कायम हुई.पंडित हरिशंकर तिवारी के 2 बेटे हैं, जिनमें बड़े बेटे का नाम भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी है, जो संत कबीर नगर लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद रह चुके हैं. वहीं, छोटा बेटा विनय शंकर तिवारी इनकी राजनीतिक सीट चिल्लूपार से वर्ष 2017 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे. रेलवे के ठेके में पंडित हरिशंकर तिवारी की बहुत मजबूत पकड़ रही है. इसके अलावा ठेकेदारी के विभिन्न क्षेत्रों में पंडित हरिशंकर तिवारी, उनकी टीम की धमक बनी रही. निर्दलीय विधायक बनने के बाद उन्होंने अपनी राजनीति कांग्रेस पार्टी के साथ लंबे समय तक जारी रखा. कुछ समय के लिए कांग्रेस से नाता टूटा. बाद में उन्होंने खुद लोकतांत्रिक कांग्रेस के नाम से अपनी पार्टी बनाई और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. उम्र के जिस पड़ाव पर उन्होंने जीवन की अंतिम सांस ली है, उस समय उनका भरा पूरा परिवार उनके साथ है. उनकी मृत्यु से पूर्वांचल के साथ उत्तर प्रदेश में हर वर्ग में शोक की लहर है। साथ ही उत्तर प्रदेश के कद्दावर कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी के निधन पर दो मिनट मोन धारण कर ईश्वर से प्रार्थना की कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें, परिवार को दुख सहने का साहस प्रदान करे। इस मौके पर मुख्य रूप से विनय दुबे, सपना बघेल,रमाकांत भदौरिया, मनीष, प्रदीप भदौरिया, विक्रम भदौरिया, छोटू भदौरिया, नीरज राजपूत, मनोज, विजय राना, गुलाब श्री, राजू ठाकुर, संतोष कुमार, श्रीमती मनोज, आदि महिला पुरुष मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *