
संवाददाता,, नरेश गुप्ता
सीतापुर: अटरिया माइनर के किनारे अवैध कब्ज़ा कर दुकानें चलाने वालों के ख़िलाफ़ नहर विभाग की कार्रवाई महज़ काग़ज़ों तक सीमित रह गई है। विभाग ने दुकानदारों को उत्तर प्रदेश कैनाल एवं ड्रेनेज एक्ट 8, सन् 1973 की धारा 70 के तहत नोटिस जारी कर दो दिन में अतिक्रमण हटाने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन नोटिस जारी होने के एक हफ़्ते बाद भी ज़मीन पर कोई कार्रवाई नज़र नहीं आ रही है।
इस पूरे मामले ने नहर विभाग की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नोटिस में सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी, लेकिन न तो दुकानदारों ने खुद अतिक्रमण हटाया और न ही विभाग ने कोई क़दम उठाया। इससे यह साफ़ होता है कि या तो अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है, या फिर इस नोटिस को महज़ एक औपचारिकता मानकर मज़ाक बना दिया गया है।
इस तरह की ढिलाई से न सिर्फ़ नियमों का मज़ाक उड़ता है, बल्कि सरकारी विभागों की विश्वसनीयता पर भी सवालिया निशान लगता है।
