अटरिया,, बीस लाख की चोरी प्रकरण एक महीने बाद भी अनसुलझा, पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

संवाददाता,, नरेश गुप्ता

अटरिया ​सीतापुर, 9 सितंबर, 2025 — सीतापुर के अटरिया में लगभग एक महीने पहले हुई ₹20 लाख की सनसनीखेज चोरी का मामला अब तक अनसुलझा है। 30/31 जुलाई की रात को लखनऊ के एक दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार योगेंद्र कुमार पांडे के घर हुई इस चोरी के बाद पुलिस ने जल्द ही अपराधियों को पकड़ने का दावा किया था, लेकिन एक महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। इस धीमी प्रगति से न केवल पीड़ित परिवार बल्कि पूरे इलाके में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

​क्या हुआ था उस रात?

​30/31 जुलाई की रात, जब योगेंद्र कुमार पांडे का परिवार घर पर नहीं था, चोरों ने उनके घर को निशाना बनाया। चोर छत के रास्ते घर में घुसे और बड़े ही शातिर तरीके से लगभग ₹20 लाख की नकदी और गहनों पर हाथ साफ कर दिया। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया था। चोरी की सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और जल्द ही चोरों को पकड़ने का आश्वासन दिया था।

​पुलिस जांच पर संदेह के बादल

​चोरी के इस हाई-प्रोफाइल मामले में पुलिस की जांच की गति निराशाजनक रही है। घटना के तुरंत बाद, पुलिस ने कई संदिग्धों से पूछताछ की, लेकिन कोई ठोस सबूत या गिरफ्तारी नहीं हो पाई। सूत्रों के अनुसार, शुरुआती सक्रियता के बाद जांच में ढिलाई आ गई है, जिससे लोगों का सब्र जवाब दे रहा है।
​स्थानीय निवासियों और पीड़ित परिवार का कहना है कि इतने बड़े मामले में पुलिस का इस तरह से सुस्त होना समझ से परे है। लोगों में यह भावना जोर पकड़ रही है कि या तो पुलिस के पास इस मामले को सुलझाने के लिए पर्याप्त संसाधन या इच्छाशक्ति नहीं है, या फिर इस मामले को जानबूझकर दबाने की कोशिश की जा रही है।

​स्थानीय लोगों का आक्रोश

​पुलिस की धीमी कार्रवाई ने लोगों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग अब सवाल कर रहे हैं कि अगर एक पत्रकार के घर भी पुलिस इतनी लापरवाही से काम करेगी तो आम आदमी की सुरक्षा का क्या होगा?

​पुलिस पर लगातार दबाव बढ़ रहा है, और यह देखना बाकी है कि वे इस मामले को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाते हैं और क्या वे लोगों का भरोसा वापस जीत पाते हैं।

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