
संवाददाता,, नरेश गुप्ता
अटरिया, में तेंदुए की दहशत: ग्रामीणों ने कैमरे में कैद किया ‘बड़ा जंगली जानवर’, वन विभाग ने कहा सियार
अटरिया , सीतापुर। जनपद के सिधौली कोतवाली क्षेत्र और अटरिया थाना क्षेत्र में एक बड़े जंगली जानवर की मौजूदगी की खबर ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी है। बीते दिनों, ग्रामीणों ने रात के अंधेरे में एक खतरनाक जानवर को अपने घरों के पास घूमते देखने का दावा किया है, जिसके वीडियो और पदचिन्ह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

हालांकि, वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों के दावों को खारिज करते हुए इसे सियार बताया है, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और भय का माहौल है।
घरों के पास मंडराया खौफ
अटरिया थाना क्षेत्र के बनौगा गांव में बीती रात दहशत का माहौल तब पैदा हो गया, जब सर्वेश यादव के पालतू जानवर अचानक शोर मचाने लगे। सर्वेश के परिजनों ने घर के पीछे जाकर देखा तो एक बड़ा जानवर छलांग मारकर भागता हुआ दिखाई दिया। वे डरकर छत पर चढ़ गए और टॉर्च की रोशनी में उसे खोजने का प्रयास किया, लेकिन खेतों में लगी फसल के कारण कुछ भी साफ दिखाई नहीं दिया। हालांकि, जमीन पर जानवर के पदचिन्ह जरूर नजर आए, जिससे यह घटना और भी पुख्ता हो गई।

मोबाइल में कैद हुआ वीडियो
इस घटना से एक दिन पहले, बनौगा से देवीपुर मार्ग पर अपना मकान बनवा रहे रामसागर पुत्र सुंदरलाल ने भी ऐसा ही एक अनुभव साझा किया। रात में जब वे लघुशंका के लिए उठे, तो उन्हें पास के बाग में किसी जानवर की आहट महसूस हुई। उन्होंने तुरंत अपने मोबाइल से टॉर्च जलाकर उसका वीडियो बना लिया। यह वीडियो अब तेजी से फैल रहा है, जिसमें हर कोई तेंदुए की मौजूदगी की आशंका जता रहा है। वीडियो में जानवर की विशाल आकृति और उसकी फुर्तीली हरकतें साफ दिखाई देती हैं, जो ग्रामीणों के डर को और बढ़ा रही हैं।

वन विभाग और ग्रामीणों की अलग-अलग राय
ग्रामीणों की शिकायत के बाद, क्षेत्रीय वन दरोगा नैमिष सिंह चौहान मौके पर पहुंचे और पदचिन्हों की जांच की। जांच के बाद, उन्होंने ग्रामीणों के दावे को नकारते हुए कहा कि यह तेंदुए के नहीं, बल्कि किसी जंगली सियार के पदचिन्ह हैं। उन्होंने लोगों से शांत रहने की अपील की।
हालांकि, ग्रामीणों ने वन दरोगा की बात को मानने से इनकार कर दिया और अपने दावे पर अडिग रहे। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी आंखों से और मोबाइल वीडियो में जो देखा है, वह सियार नहीं, बल्कि एक तेंदुआ ही है। इस मतभेद के कारण गांव में तनाव और भय का माहौल बना हुआ है। लोग रात के अंधेरे में घर से बाहर निकलने से डर रहे हैं।
वन विभाग को इस मामले में और अधिक सक्रियता दिखानी चाहिए ताकि ग्रामीणों का भय दूर हो सके और यदि वाकई कोई खतरनाक जानवर इस क्षेत्र में मौजूद है, तो उसे सुरक्षित रूप से पकड़ा जा सके। स्थानीय प्रशासन को भी इस संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
