विशेष रिपोर्ट लालचंद निषाद
सुजानगंज( जौनपुर) क्षेत्र के गांव एकहुंआ के निवासी चंद्रशेखर निषाद व विपिन निषाद ने अपनी माता दुर्गावती निषाद के निधन पर वीर एकलव्य फाउंडेशन के प्रयास से सामाजिक कुरीति मृत्यु भोज का बहिष्कार करते हुए शोक सभा का आयोजन कर उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर चर्चा की शोक सभा में ग्राम वासियों ने मृत्यु भोज ना करने का शपथ लिया कार्यक्रम में विनोद मानव विजय बहादुर यादव रामबाबू मौर्य, जोखन जादूगर आदि वक्ताओं ने समाज में फैले इस कुरीति के विषय में विस्तार से बताया तथा लोगों से आग्रह किया कि आप लोग मृत्युभोज न करके मृतक के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करें, तथा जो खर्च आप तेरही में करते हैं उसे समाज हित में जरूरतमंद लोगों की मदद में करें, जिससे समाज में फैली इस कुरूति से छुटकारा पाया जा सके,
विजय बहादुर यादव ने बताया कि सती प्रथा का जब विरोध राजाराममोहन राय कर रहे थे तो उनका उस समय बहुत विरोध किया गया, सती प्रथा जो एक सामाजिक कुरूति एंव महिलाओं के प्रति अत्याचार शोषण अनादर का प्रतीक हुआ करता था अब पूरी तरह से बंद हो गया है, आज संविधान में सभी स्त्रियों पुरूषों को बराबर का हक दिया गया है, स्त्रियां पुरूषों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रही है,
श्रद्धांजलि सभा में आये हुये वरिष्ठ लोगों को स्मृति चिन्ह देकर व अंगवस्त्र ओढाकर सम्मानित किया गया, कार्यक्रम का संचालन वीर एकलव्य फाउंडेशन के अध्यक्ष जयसिंह निषादवंशी एडवोकेट ने व संजय मौर्या ने किया
इस मौके पर सुबाष निषाद, जय प्रकाश , लालजी यादव, अरूण यादव, रामफेर, डाo दसरथ, रामनरायन, निषाद (पू.प्रधान)राम लखन निषाद दिनेश, शिवकुमार पाल ,विरेन्द्र रामसकल , अखिलेश गौतम ,नागेंद्र सिंह रामबचन ,हवलदार निषाद योगेश निषाद सूबेदार डा इंद्रजीत निषाद अनुपम रामकेवल पन्नेलाल , शैलेन्द्र रोहित व महिलायें आदि काफी संख्या में
उपस्थित रहे
आये हुये आगंतुकों का आयोजक चंद्रशेखर निषाद ने आभार व धन्यवाद व्यक्त किया