कानपुर,खान-पान में मिले रसायनिक तत्व कैंसर को देते हैं दावत

कानपुर 4 फरवरी 2023

विश्व कैंसर दिवस पर मां कांशीराम चिकित्सालय अवं ट्रॉमा सेंटर में गोष्ठी और शिविर में मरीजों को कैंसर के प्रति जागरूक किया गया। कैंसर से बचने के लिए जैविक खानपान और कैंसर पीड़ित मरीजों का उचित उपचार करने की जानकारी दी गई।

गैर संचारी रोग (एनसीडी) के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ महेश कुमार ने बताया कि तंबाकू, शराब व धूम्रपान की अन्यसामग्रियों में मिले रासायनिक तत्व कैंसर के प्रमुख कारक हैं। उन्होंने बताया कि देश में हर साल लगभग 12 लाख नए कैंसर रोगियोंकी पहचान हो रही है। इसमें से सात लाख की मृत्यु हर साल हो रही है। भारत में मुंह, गले, स्तन, फेफड़ों और बच्चेदानी के कैंसर के सर्वाधिक केस मिलते हैं। महिलाओं में सर्वाधिक केस गर्भाशय, स्तन व अंडाशय कैंसर केदेखने को मिलते हैं। समय से पहचान होने पर इसे रोका जा सकता है। वहीं पुरुषों में फेफड़ा, गला और मुंह का कैंसर सर्वाधिक देखने को मिलता है। इसके अलावा गुदा एवं गॉल ब्लाडर के भी कैंसर सामने आते हैं।

उन्होंने कहा कि पुरुषों को होने वाले कैंसर में सबसे अधिक 16 प्रतिशत मुंह के एवं लगभग 8 प्रतिशत फेफड़ो के कैंसर के मरीज होते हैं| वहीं महिलाओं में सबसे अधिक 26 प्रतिशत स्तन और18 से 19 प्रतिशत सरवाईकल यानि गर्भाशय कैंसर के मरीज होते हैं| पिछले कई वर्षो में कैंसर के इलाज में काफी प्रगति हुई हैI

गुजैनी क्षेत्र में भी हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। वहां मौजूद तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की जनपदीय सलाहकार निधि बाजपेयी ने बताया की जनपद में गुटखा-पान का चलन अत्यधिक है। लोग मेहमानों का स्वागत भी गुटखा-तंबाकू से करते हैं। इसीलिए इस क्षेत्र में मुंह के कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं। गुटखा का सेवन करने वालों के चेहरों से रौनक गायब हो जाती है। गाल चिपक जाते हैं और मुंह भी ठीक से नहीं खुलता है। गुटखा सिर्फ जानलेवा बीमारियों की तरफ ढकेलने का यंत्र है। इससे बचना होगा। उन्होंने समस्त स्टाफ और उपस्तिथ लोगों को गुटखा का सेवन से परहेज करने की शपथ दिलाई। संकल्प दिलाया कि वह अपने घर-परिवार और पड़ोस में रहने वालों को भी इससे बचने को लेकर जागरूक करेंगे।

कैंसर से बचाव के उपाय

• धूम्रपान, तम्बाकु, सुपारी, चना, पान, मसाला, गुटका, शराब आदि का सेवन न करें।
• विटामिन युक्त और रेशे वाला (हरी सब्जी, फल, अनाज, दालें) पौष्टिक भोजन खाएं।
• कीटनाशक एवं खाद्य संरक्षण रसायणों से युक्त भोजन धोकर खाएं।
• अधिक तलें, भुने, बार-बार गर्म किये तेल में बने और अधिक नमक में सरंक्षित भोजन न खाएं।
• अपना वजन सामान्य रखें।
• नियमित व्यायाम करें नियमित जीवन बिताएं।
• साफ-सुथरे, प्रदूषण रहित वातावरण की रचना करने में योगदान दें।

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