इटावा,प्रसव पश्चात शीघ्र स्तनपान है वरदान शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है शीघ्र स्तनपान – डॉ यशमिता

(छाया चित्र अनामिका)

इटावा 11 फरवरी 2023
मां का दूध बच्चे के लिए अमृत समान होता है इसीलिए प्रसव के तुरंत बाद बच्चे को शीघ्र स्तनपान करवाना हमारी प्राथमिकता होती है जो कि शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह कहना है जिला अस्पताल कि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ यश्मिता का |
उन्होंने बताया कि डिलीवरी के बाद सामान्यता सभी प्रसूताओं को हमारे स्टाफ द्वारा बच्चे के जन्म के 30 मिनट बाद ही बच्चे को डिलीवरी रूम में शीघ्र स्तनपान कराया जाता है। उन्होंन शीघ्र स्तनपान के संदर्भ में कहा कि बच्चा चूसने की प्रवृत्ति के साथ ही जन्म लेता है। क्योंकि यह प्रवृत्ति जन्म के तुरंत बाद से ही तीव्र होती है इसलिए उसे पहले घंटे के भीतर ही स्तनपान कराना बेहद फायदेमंद होता है।

लाछो देवी


डॉ स्मिता ने बताया कि कभी-कभी प्रसूता के साथ आए क्षेत्रीय और ग्रामीण लोग जानकारी न होने के कारण प्रसव उपरांत शीघ्र स्तनपान कराने के लिए मना भी करते हैं, कहते हैं- इतनी जल्दी क्या है स्तनपान कराने की अभी तो प्रसव हुआ है। तब हमारे स्टॉफ द्वारा शीघ्र स्तनपान क्यों जरूरी है इस संदर्भ में संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी उनके साथ साझा की जाती है।

आइए जाने क्यों जरूरी है शीघ्र स्तनपान
डॉ यश्मिता ने बताया डिलीवरी रूम में ही बच्चे को पहला स्तनपान कराने के कई फायदे हैं। मां के पहले दूध में वह सब कुछ होता है जो एक बच्चे को अपनी पहली खुराक में चाहिए होता है। उन्होंने बताया पहला व शीघ्र स्तनपान शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है और मां के दूध के रूप में कोलेस्ट्रोम गाढ़ा चिपचिपा दूध जिसमें वसा की मात्रा कम होती है जबकि कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और एंटीबॉडी की मात्रा अधिक होती है। जिससे बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी हो जाती है और पहला स्तनपान बच्चे को कई बीमारियों के संक्रमण से बचाता है।
जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता सीपी सिंह ने बताया कि जनपद के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र जहां पर प्रसव कराने की सुविधा है वहां स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रसव उपरांत प्राथमिकता से बच्चों के जन्म के एक घंटे के अंदर बच्चों को शीघ्र स्तनपान कराया जाता है।उन्होंने बताया कि नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे -4 (एनएफएचएस) के अनुसार जनपद में जहां जन्म के एक घंटे के अंदर शीघ्र स्तनपान 17.1 प्रतिशत बच्चों को कराया गया लेकिन अब एनएफएचएस-5 में यह प्रतिशत बढ़कर 30.4 प्रतिशत हो गया। उन्होंने कहा कि जो यह दर्शाता है कहीं न कहीं शीघ्र स्तनपान के प्रति जागरुकता बढ़ी है।
प्रसव उपरांत हमने कराया शीघ्र स्तनपान

ग्राम सकौआ निवासी 22 वर्षीय अनामिका ने बताया कि मैंने 7 फरवरी को बच्चे को जन्म के 30 मिनट बाद डिलीवरी रूम में उपस्थित स्टाफ नर्स की सहायता से बच्चे को स्तनपान कराया। जो कि मेरे लिए बहुत ही सुखद अनुभव रहा और कुछ समय पूर्व हुई प्रसव पीड़ा का हुआ मानसिक प्रभाव बिल्कुल खत्म हो गया।
जिला अस्पताल में प्रसव कराने वाली मजदूरी करने वाली 28 वर्षीय लाछो देवी ने बताया कि मेरी गर्भावस्था उच्च जोखिम
थी मेरा हीमोग्लोबिन 7.5 था। लेकिन जिला अस्पताल में मेरा सुरक्षित व सफल प्रसव कराया गया। उन्होंने बताया कि प्रसव उपरांत एक घंटे के अंदर मैंने बच्चे को दूध पिलाया उस दौरान उपस्थित डॉक्टर ने मुझे बच्चे के पहले दूध से होने वाले फायदे के बारे में भी बताया ।

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