- 300 मरीजों को बांटी गईं एमएमडीपी किट
सीतापुर। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया ग्रसित अंगों की समुचित देखभाल व साफ-सफाई के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से जिले के सभी सीएचसी पर रुग्णता प्रबंधन और दिव्यांगता निवारण (एमएमडीपी) प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस दौरान करीब 500 फाइलेरिया रोगियों और आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया। इसके अलावा 300 रोगियों को एमएमडीपी किट प्रदान की गयी। प्रशिक्षण के दौरान विभागीय टीम ने फाइलेरिया मरीजों के समक्ष एमएमडीपी किट का प्रदर्शन करते हुए उसके प्रयोग और फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई के तरीकों की जानकारी दी, जिससे कि फाइलेरिया रोगी प्रभावित अंग की उचित देखभाल कर सकें। फाइलेरिया ग्रसित अंगों की सूजन कम करने के लिए कुछ हल्के और आसान व्यायाम भी सिखाए गए।
जिला मलेरिया अधिकारी राज कुमार सारस्वत ने बताया कि यह बीमारी कभी खत्म नहीं होती है, इसका रोकथाम और प्रबंधन जरूर किया जा सकता है। इस बीमारी में दवा के साथ एक्सरसाइज भी बहुत आवश्यक है जितना ज्यादा एक्सरसाइज करेंगे आप उतना ज्यादा अपनी सूजन को कम कर सकेंगे। ऐसे में यह प्रशिक्षण मरीजों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि हरगांव ब्लॉक में सीएचसी के अलावा नवीनगर, मुद्रासन और मंगरूआ गांवों में भी एमएमडीपी ट्रेनिंग कराई गई है। इन गांवों में स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से पेशेंट सपोर्ट ग्रुप (पीएसजी) का गठन किया गया है। पीएसजी के सदस्यों ने इन ट्रेनिंग में विभाग का सहयोग भी किया है।
सहायक मलेरिया अधिकारी डॉ. अर्चना मिश्रा ने बताया कि फाइलेरिया रोगी यदि नियमित साफ सफाई रखें और व्यायाम करें तो बीमारी नियंत्रण में रहती है। सरकार भी फाइलेरिया रोगियों पर पूरा ध्यान दे रही है। फाइलेरिया ग्रसित अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में प्रभावित अंगों की साफ सफाई रखना बेहद जरूरी होता है। सहायक मलेरिया अधिकारी मंजूषा गुप्ता ने बताया कि यह लाइलाज बीमारी है, एक बार बीमारी हो जाने पर जिंदगी भर इसके साथ ही जीना पड़ता है। इसलिए फाइलेरिया के रोगी को हमें मानसिक संबल प्रदान करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक एमएमडीपी किट में एक तसला, एक बाल्टी, मग, तौलिया, साबुन और क्रीम होती है। उन्होंने यह भी बताया कि फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स मच्छर काटने से होता है। फाइलेरिया निरीक्षक आेम प्रकाश भारद्वाज व आर्यन शुक्ला ने बताया कि मच्छरों से बचाव कर हम लोग फाइलेरिया से बच सकते हैं। मच्छरों से बचने के लिए सभी को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा। खुली नालियों के होने से जल भराव होता है, जिससे उसमें मच्छर पनपते हैं। ऐसे में मच्छरों को नष्ट करने के लिए जल भराव वाले स्थानों में प्रयोग हुआ हुआ मोबिल ऑयल डाल दें।