सिधौली,देवेन्द्र कश्यप निडर को मिलेगा विद्यावाचस्पति ( पीएचडी ) की सम्मानोपाधि

बिहार की विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर ने लिया निर्णय

सिंधौली। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। मशहूर शायर दुष्यंत कुमार की ये पंक्तियाॅं क्षेत्र के अल्लीपुर निवासी साहित्यकार देवेंद्र कश्यप निडर के साहित्यिक समर्पण पर सटीक उतरती है। विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर बिहार की अकादमिक परिषद की अनुशंसा पर कवि और साहित्यकार देवेंद्र कश्यप निडर को उनकी सुदीर्घ हिन्दी सेवा, सारस्वत साधना, शैक्षणिक प्रदेयों और भारत नव निर्माण के अप्रतिम अवदान के लिए पीएचडी की मानद उपाधि विद्यावाचस्पति प्रदान किये जाना का निर्णय लिया है। यह सुखद सूचना देवेन्द्र कश्यप निडर को विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ के कुलसचिव डॉ. देवेन्द्र नाथ साह ने डाक के माध्यम से दी है। बताते चलें कि देवेन्द्र कश्यप निडर ने बिहार के लाल और शौर्य के हिमालय दशरथ माॅंझी की अद्भुत प्रतिज्ञा को साकार करने के लिए किये गये ऐतिहासिक संघर्ष को प्रबन्धकाव्य श्रमवीर में लिपिबद्ध किया है। यह ग्रन्थ आदिवासी विमर्श, सामाजिक चेतना, शाश्वत और राष्ट्रीय प्रेम, प्रेरणादायक प्रतिज्ञा और श्रमिकों की उद्दात्त भावना को रेखांकित करता है। जिसके चलते इन्हें अनेकानेक अलंकरण प्राप्त हो चुके हैं। भाऊराव देवरस के आयोजन में देश के छः साहित्यकार जिन्हें उ प्र के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पं. प्रताप नारायण मिश्र युवा अवार्ड 2022 प्रदान किया है। इसमें भी देवेन्द्र कश्यप निडर का नाम शामिल हैं। जो गौरवपूर्ण हैं। लोकभाषा अवधी के उन्नयन के लिए भाखा पत्रिका के उप सम्पादन‌ का दायित्व निभा रहे हैं। राज्य हिन्दी संस्थान बनारस ने भी बाल साहित्य में उल्लेखनीय रचनाधर्मिता के लिए अलंकृत किया है। शिक्षा साहित्य में योगदान के लिए पं. शिवराम मिश्र शिक्षक साहित्यकार सम्मान – 2022 भी उ प्र हिन्दी संस्थान लखनऊ के निदेशक डॉ. पवन कुमार के कर कमलों से प्राप्त कर चुके हैं। इसके साथ ही देश के कई इलाकों से देवेन्द्र निडर को अन्य प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। अब डॉक्ट्रेट की डिग्री भी मिल जायेगी। फिर देवेन्द्र कश्यप निडर अपने नाम के पूर्व डॉक्टर लगा सकेंगे।
इनबॉक्स – विद्यावाचस्पति (पीएचडी) की मानद उपाधि से विभूषित किये जाने की सूचना पर अन्तरराष्ट्रीय भाषा संस्थान सूरत गुजरात के अधिष्ठाता व वरिष्ठ समीक्षक डॉ. गंगा प्रसाद शर्मा गुणशेखर, वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य नन्दीलाल निराश, लघु कथाकार सुरेश सौरभ, ग़ज़लगो सुरेश साहनी अदीब, कवि केदारनाथ शुक्ल, गीतकार पवन प्रगीत, हास्य व्यंग्यकार रोहित विश्वकर्मा, अनुराग आग्नेय, अनिल यादव अनिकेत, स्तम्भकार चन्द्रशेखर प्रजापति, मुसन्निफ़ डॉ. रिज़वान अंसारी, विनोद शर्मा सागर, डॉ. सुरेश शुक्ल संदेश, डॉ. द्वारिका प्रसाद रस्तोगी, शिक्षाविद् आरडी वर्मा, कवयित्री पिंकी अरविंद प्रजापति, सामाजिक कार्यकर्ता राजेश कश्यप सहित सैकड़ों शुभचिंतकों ने ढ़ेरों बधाईयाॅं और शुभकामनाएं दी हैं।

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